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समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व

Question
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अमरीकी वर्चस्व की राह में कौन-से व्यवधान हैं? आप क्या जानते हैं कि इनमें से कौन-सा व्यवधान आगामी दिनों में सबसे महत्त्वपूर्ण साबित होगा?

Solution

इतिहास बताता है कि साम्राज्यों का पतन उनकी अंदरूनी कमजोरियों के कारण होता है। ठीक इसी तरह अमरीकी वर्चस्व की सबसे बड़ी बाधा खुद उसके वर्चस्व के भीतर मौजूद है। अमरीकी शक्ति की राह में तीन अवरोध सामने आए हैं:

अमेरिका की संस्थागत बनावट: पहला व्यवधान स्वयं अमरीका की संस्थागत बुनावट है। यहाँ शासन के तीन अंग हैं तथा तीनो के बीच शक्ति का बँटवारा है और यही बुनावट कार्यपालिका द्वारा सैन्य शक्ति के बेलगाम इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का काम करती है। उदहारण के लिए अमेरिका में 9/11 की आतंकवादी घटना के बाद विधानपालिका (कांग्रेस) ने राष्ट्रपति को आतंकवाद से लड़ने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाने की स्वीकृति दे दी, परंतु अब वहाँ अमेरिकी जनमत को देखते हुए कांग्रेस ने इराक युद्ध एवं उस पर आगे सैन्य खर्च को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। इस बात से यह स्पष्ट है कि अमेरिकी शासन का आंतरिक ढाँचा अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्णय के रास्ते में एक व्यवधान के रूप में कार्य करता है।

जनमत: अमेरिकी वर्चस्व में दूसरी सबसे बड़ी अड़चन भी अंदरूनी है। इस अड़चन के मूल में है अमरीकी समाज जो अपनी प्रकृति में उम्मुक्त है। अमरीका में जन-संचार के साधन समय-समय पर वहाँ के जनमत को एक खास दिशा में मोड़ने की भले कोशिश करें लेकिन अमरीकी राजनीतिक संस्कृति में शासन के उद्देश्य और तरीके को लेकर गहरे संदेह का भाव भरा है। अमरीका के विदेशी सैन्य-अभियानों पर अंकुश रखने में यह बात बड़ी कारगर भूमिका निभाती है।
जैसे अमेरिका-इराक युद्ध और उसके बाद अमेरिकी सैनिकों की निरंतर होती मौतों के कारण वहां की जनता निरंतर इराक से अपनी फौजों को वापस बुलाने की माँग कर रही है जिसका प्रभाव यह है कि अमेरिकी प्रशासन की कठोर एवं निरंकुश सैन्य कार्यवाही पर जनमत को देखते हुए नियंत्रण किया हुआ है।

नाटो: अमरीकी ताकत की राह में मौजूद तीसरा व्यवधान सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में आज सिर्फ एक संगठन है जो संभवतया अमरीकी ताकत पर लगाम कस सकता है और इस संगठन का नाम है 'नाटो ' अर्थात् उत्तर अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन। स्पष्ट ही अमरीका का बहुत बड़ा हित लोकतांत्रिक देशों के इस संगठन को कायम रखने से जुड़ा है क्योंकि इन देशों में बाजारमूलक अर्थव्यवस्था चलती है। इसी कारण इस बात की संभावना बनती है कि 'नाटो' में शामिल अमरीका के साथी देश उसके वर्चस्व पर कुछ अंकुश लगा सकें।

Some More Questions From समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व Chapter

उन तीन बातों का जिक्र करें जिनसे साबित होता है कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद अमरीकी प्रभुत्व का स्वभाव बदला है और शीतयुद्ध के वर्षो के अमरीकी प्रभुत्व की तुलना में यह अलग है।

भारत-अमरीका समझौते से संबंधित बहस के तीन अंश इस अध्याय में दिए गए हैं। इन्हें पढ़ें और किसी एक अंश को आधार मानकर पूरा भाषण तैयार करें जिसमें भारत- अमरीकी संबंध के बारे में किसी एक रुख का समर्थन किया गया हो।

''यदि बड़े और संसाधन संपन्न देश अमरीकी वर्चस्व का प्रतिकार नहीं कर सकते तो यह मानना अव्यावहारिक है कि अपेक्षाकृत छोटी और कमजोर राजयतर संस्थाएँ अमरीकी वर्चस्व का कोई प्रतिरोध कर पाएँगी। '' इस कथन की जाँच करें और अपनी राय बताएँ।

अमरीकी वर्चस्व की राह में कौन-से व्यवधान हैं? आप क्या जानते हैं कि इनमें से कौन-सा व्यवधान आगामी दिनों में सबसे महत्त्वपूर्ण साबित होगा?