यूरोप में उदारवादियों एव चरमवादियों के विचारों में क्या अंतर था ?
उदारवादी सार्वभौम व्यस्क मताधिकार में विश्वास नहीं करते थे। इसके विपरीत परमवादी चाहते थे कि सरकार का निर्माण देश की बहुसंख्यक जनता की इच्छा पर आधारित हो ।
उदारवादियों का मानना था कि मताधिकार केवल सम्पत्तिशील पुरुषों को ही हो । वे महिलाओं के मताधिकार के विरुद्ध थे। दूसरी तरफ चरमवादी महिलाओं के मताधिकार के समर्थक थे। वे सार्वभौम मताधिकार के समर्थक तथा भूमिपतियों के विशेषाधिकारों तथा धनी फैक्ट्री मालिकों के द्वारा धन संचयन के विरुद्ध थे।



