वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ाने में इनमे से किन बातों में मदद मिलेगी? प्रत्येक मामले में अपने जवाब के पक्ष में तर्क दीजिए।
(क) मेरे देश अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को ज़्यादा पैसे देता है इसलिए मैं चाहता हूँ कि मेरे साथ ज़्यादा समान्यजनक व्यवहार हो और मुझे ज़्यादा अधिकार मिलें।
(ख) मेरा देश छोटा या गरीब हो सकता है लेकिन मेरी आवाज़ को सामान आदर के साथ सुना जाना चाहिए क्योंकि इन फैसलों का मेरे देश पर भी असर होगा।
(ग) अंतराष्ट्रीय मामलों में अमीर देश की ज़्यादा चलनी चाहिए। गरीब देशो की संख्या ज्यादा है, सिर्फ़ इसके चलते अमीर देश अपने हितो का नुकसान नहीं होने दे सकते।
(घ) भारत जैसे बड़े देशो की आवाज़ का अंतराष्ट्रीय संगठनों में ज्यादा वज़न होना ही चाहिएl
(क) यह मामला वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ाने में मदद नहीं करेगा क्योंकि लोकतंत्र के अनुसार एक देश किसी दूसरे देश के मुकाबले ज़्यादा धन तो अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को दे तो सकता है परन्तु प्रत्येक राष्ट्र को अधिकार बराबर ही होने चाहिए।
यही बात अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष पर भी लागू होती है। जहाँ राष्ट्रीयों के मतों का महत्व उनके द्वारा दिए जाने वाले धन पर निर्भर करता है।
(ख) हाँ, यह मामला वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ने में मदद करेगा क्योंकि लोकतंत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति को सामान अधिकार और सुविधाएँ प्राप्त होते हैं।
(ग) यह मामला वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ाने में मदद नहीं करेगा क्योंकि लोकतंत्र में सभी का महत्व बराबर होता है किसी को केवल इस आधार पर उपेक्षित नहीं किया जा सकता कि उसकी संख्या अन्य की अपेक्षा कम है।
(घ) यह मामला वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ने में मदद नहीं करेगा क्योंकि लोकतंत्र में सभी के विचारो और बातों का सामान महत्व है किसी भी देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र और जनसंख्या के आधार पर अलग नहीं मापा जा सकता। लोकतंत्र में सभी सामान है अन्यथा लोकतंत्र का कोई महत्व ही नहीं रह जाता।



