बांधों को कैसे वर्गीकृत किया जा सकता हैं ?
बांधों को ऊंचाई के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता हैं :-
- बडे बांध
- मध्यम बांध
- निचले बांध
बांधों को कैसे वर्गीकृत किया जा सकता हैं ?
बांधों को ऊंचाई के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता हैं :-
यहाँ कुछ गलत वक्तव्य दिए गए हैं। इसमें गलती पहचाने और दोबारा लिखें।
(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली ने जल संसाधनों के सही उपयोग में मदद की है।
(ख) नदियों पर बाँध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव प्रभावित नहीं होता।
(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर भी किसान नहीं भड़के।
(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के बावजूद छत वर्षा जल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है।
व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है?
बहुउद्देशीय परियोजनाओं होने वाले लाभ और हानियों की तुलना कीजिए।
राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जा सकता है? व्याख्या कीजिए।
परम्परागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है।
बहुउद्देश्यीय नदी परियोजनाओं को 'आधुनिक भारत का मंदिर' क्यों कहा जाता है?
भारत में जल संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है? तीन कारण दें ?
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