सविनय अवज्ञा आंदोलन पर टिप्पणी लिखिए?
सविनय अवज्ञा आंदोलन गाँधी जी के द्वारा 1950 में शुरू किया गया था जिसका मतलब होता है। बिना हिंसा से के किसी भी सरकारी आदेश के अवहेलना करना। जल्दी ही बड़ी संख्या में लोग इस आन्दोलन से जुड़ गये और गांधीजी ने इस आन्दोलन का नेतृत्व किया। इसकी शुरुआत तब हुई जब 51st January 1950 को गांधीजी ने लार्ड इरविन को अपनी कुछ मांगो के सम्बन्ध में बताया और उन्होंने इस बारे में कोई एक्शन नहीं लिया तो आखिरकार गांधीजी को इस आन्दोलन को शुरू करना पड़ा और इसकी शुरुआत नमक सत्याग्रह से हुई। तो चलिए इसी बारे में कुछ और बातें करते है -
सविनय अवज्ञा आंदोलन के बारे में विस्तार से जानकारी
लार्ड इरविन ने जब गांधीजी की ग्यारह मांगो को पूरा करने से मना कर दिया तो सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया और इसकी शुरुआत दांडी मार्च से हुई। गाँधी जी ने जो मांगे इरविन के सामने रखी उनमे से कुछ निम्न है -
- सिविल क्षेत्र और सेना के खर्च में 50 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए।
- नशीली चीजो की बिक्री पर बैन होना चाहिए।
- शस्त्र कानून में बदलाव होना चाहिए और भारतीयों को भी अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार रखे जाने की अनुमति होनी चाहिए।
- सभी राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया जाना चाहिए।
- डाक आरक्षण बिल पास होना चाहिए।
- किसानों पर लगने वाले कर में 50 प्रतिशत की कमी होनी चाहिए।
- नमक पर लगने वाले टैक्स को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए और इस पर सरकारी नियंत्रण और एकाधिकार को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए।