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भारत में राष्ट्रवाद

Question
CBSEHHISSH10018833

सविनय अवज्ञा आंदोलन पर टिप्पणी लिखिए?

Solution

सविनय अवज्ञा आंदोलन गाँधी जी के द्वारा 1950 में शुरू किया गया था जिसका मतलब होता है। बिना हिंसा से के किसी भी सरकारी आदेश के अवहेलना करना। जल्दी ही बड़ी संख्या में लोग इस आन्दोलन से जुड़ गये और गांधीजी ने इस आन्दोलन का नेतृत्व किया। इसकी शुरुआत तब हुई जब 51st January 1950 को गांधीजी ने लार्ड इरविन को अपनी कुछ मांगो के सम्बन्ध में बताया और उन्होंने इस बारे में कोई एक्शन नहीं लिया तो आखिरकार गांधीजी को इस आन्दोलन को शुरू करना पड़ा और इसकी शुरुआत नमक सत्याग्रह से हुई। तो चलिए इसी बारे में कुछ और बातें करते है -

सविनय अवज्ञा आंदोलन के बारे में विस्तार से जानकारी

लार्ड इरविन ने जब गांधीजी की ग्यारह मांगो को पूरा करने से मना कर दिया तो सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया और इसकी शुरुआत दांडी मार्च से हुई। गाँधी जी ने जो मांगे इरविन के सामने रखी उनमे से कुछ निम्न है -

  • सिविल क्षेत्र और सेना के खर्च में 50 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए।
  • नशीली चीजो की बिक्री पर बैन होना चाहिए। 
  • शस्त्र कानून में बदलाव होना चाहिए और भारतीयों को भी अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार रखे जाने की अनुमति होनी चाहिए।
  • सभी राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया जाना चाहिए।
  • डाक आरक्षण बिल पास होना चाहिए।
  • किसानों पर लगने वाले कर में 50 प्रतिशत की कमी होनी चाहिए।
  • नमक पर लगने वाले टैक्स को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए और इस पर सरकारी नियंत्रण और एकाधिकार को ख़त्म कर दिया जाना चाहिए।

Some More Questions From भारत में राष्ट्रवाद Chapter

व्याख्या करें:
गांधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों किया?

सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब हैं? 

निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:- 
जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड   

निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:-
साइमन कमीशन 


 

इस अध्याय में दी गई भारत माता की छवि और अध्याय 1 में दी गई जर्मेनिया की छवि की तुलना कीजिए।

1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल होने वाले सभी सामाजिक समूहों की सूची बनाइए। इसके बाद उनमें से किन्हीं तीन को चुन कर उनकी आशाओं और संघर्षों के बारे में लिखते हुए दर्शाइए कि वे आंदोलन में शामिल क्यों हुए ?

नमक यात्रा की चर्चा करते हुए स्पष्ट करें कि यह उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था।  

कल्पना कीजिए कि आप सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला हैं। बताइए कि इस अनुभव का आपके जीवन में क्या अर्थ होता।

 

राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे।   

1919 में प्रस्तावित रॉयल एक्ट के खिलाफ गाँधीजी ने राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला क्यों लिया? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए।