सामूहिक अपनापन की यह भावना लोकगीत, गीत, प्रतीक, छवियों के संयुक्त संघर्ष भूमिका के माध्यम से आंशिक रूप में आया था । इस बयान का विश्लेषण करे -
- 19 वीं सदी में भारतीय राष्ट्रवादी हरबोलों द्वारा भारत की लोकगाथाओं द्वारा भारतीय संस्कृति का उत्थान तथा राष्ट्रीयता की भावना का विकास, राष्टीय पहचान की खोज करने के लिए इस लोक परंपरा को बनाए रखना आवश्यक था ।
- स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झंडा, मध्य में कमल, एक अर्धचाँद, जो हिंदु मुस्लीम एकता का प्रतीक । बाद में स्वयं सहायता का प्रतिनिधित्व करते हुए चरखे को झंडे के मध्य में रखा गया ।
- भारत माता की छवि बकिमचंद्रचटोपाध्याय द्वारा बनायी गयी और बाद में रबिन्द्रनाथ टैगोर ने भारत माता को शांत तपस्वी दिव्य और आध्यात्मिक रूप में चित्रित किया ।