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किसान जमींदार और राज्य

Question
CBSEHHIHSH12028314

विचाराधीन काल में मौद्रिक कारोबार की अहमियत की विवेचना उदाहरण देकर कीजिए।

Solution

विचाराधीन काल (16वीं और 17वीं सदी )में मौद्रिक कारोबार की अहमियत पर विवरण निम्नलिखित हैं:

  1. सोलहवीं शताब्दी के प्रारंभ में किसानों को नकदी अथवा जिन्स में भू-राजस्व अदा करने की छूट दी गई थी। किसानों को नकदी में भू-राजस्व भुगतान की सुविधा के कारण मौद्रिक कारोबार को भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करने का अवसर मिला।
  2. ग्रामीण शिल्पकार (कुम्हार, लोहर, नाई, बढ़ई, सुनार) ग्रामीण लोगों को विशेष प्रकार की सेवा प्रदान करते थे। फसल कटने और पकने पर प्राय: उन्हें फसल का एक हिस्सा दिया जाता था लेकिन इस व्यवस्था के साथ-साथ किसान और शिल्पकार परस्पर लेन-देन के बारे में आपस शर्तें तय करके प्राय: लोगों को नकदी में भुगतान करते थे।
  3. गाँव में प्राय: स्थानीय छोटे व्यापारी और सराफ पाए जाते थे। प्राय: उन्हें नकदी में लेने देन करने का अधिक शौक था। पंचायते भी अपराधियों पर नकद जुर्माने लगाती थी। आम परिस्थितियों में शहरों और गाँवों में वस्तुओं और सेवाओं का विनिमय होता था। परिणाम-स्वरूप ग्रामों के कारोबार में भी मौद्रिकीकरण का महत्व बढ़ने लगा था।
  4. निर्यात के लिए उत्पादन करने वाले दस्तकारों को भी उनकी मज़दूरी का भुगतान अथवा अग्रिम भुगतान नकद रूप में ही किया जाता था।

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