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किसान जमींदार और राज्य

Question
CBSEHHIHSH12028319

सोलहवीं और सत्रहवीं सदी में जंगल वासियों की जिदंगी किस तरह बदल गई?

Solution

सोलहवीं और सत्रहवीं सदी में जंगल वासियों की जिदंगी में परिवर्तन के लिए बहुत से कारण जिम्मेदार थे। इनमें से मुख्य का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से हैं:

  1. जंगलवासियों के जीवन में बदलाव बाहरी शक्तियों के जंगल में हस्तक्षेप से शुरू हुआ। जंगल में बाहरी ताकतें कई तरह से घुसती थीं, मसलन, राज्य को सेना के लिए हाथियों की जरूरत होती थी।
  2. वाणिज्यिक खेती का असर भी एक बाहरी कारक था जो जंगलवासियों के जीवन को प्रभावित करता था। जंगल के उत्पाद-जैसे शहद, मधुमोम और लाक की बहुत माँग थी। लाक जैसी कुछ वस्तुएँ तो सत्रहवीं सदी में भारत से समुद्र पार होने वाले निर्यात की मुख्य वस्तुएँ थीं। हाथी भी पकड़े और बेचे जाते थे। व्यापार के तहत वस्तुओं की अदला-बदली भी होती थी।
  3. सामाजिक कारणों से भी जंगलवासियों के जीवन में बदलाव आए। कबीलों के भी सरदार होते थे, बहुत कुछ ग्रामीण समुदाय के ''बड़े आदमियों'' की तरह। कई कबीलों के सरदार जमींदार बन गए कुछ तो राजा भी हो गये। ऐसे में उन्हें सेना खड़ी करने की जरूरत हुई। उन्होंने अपने ही खानदान के लोगों को सेना में भर्ती किया; या फिर अपने ही भाई-बंधुओं से सैन्य सेवा की माँग की।
  4. व्यापारिक गतिविधियाँ भी जंगलवासियों के जीवन में बदलाव एक मुख्य कारण हैं। कुछ छोटे कबीले दो बस्तियों के बीच रहते थे। इन्होंने इन बस्तियों को जोड़ने के लिए व्यापारिक कार्य करने शुरू कर दिए। इस काल में कुछ कबीले गाँव व शहर के बीच व्यापार की कड़ी का काम कर रहे थे। इनके ऊपर गाँव व शहर दोनों की जीवन-शैली का प्रभाव पड़ रहा था।
  5. जंगल के इलाकों में नए सांस्कृतिक प्रभावों के विस्तार की भी शुरुआत हुई। कुछ इतिहासकारों ने तो दरअसल यह भी सुझाया है कि नए बसे इलाकों के खेतिहर समुदायों ने जिस तरह धीरे-धीरे इस्लाम को अपनाया उसमें सूफ़ी संतों (पीर) ने एक बड़ी भूमिका निभाई थी।

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