निम्नलिखित अवतरण महाभारत से है जिसमें ज्येष्ठ पांडव युधिष्ठिर दूत संजय को संबोधित कर रहे हैं:
संजय धृतराष्ट्र गृह के सभी ब्राह्यणों और मुख्य पुरोहित को मेरा विनीत अभिवादन दीजिएगा। मैं गुरु द्रोण के सामने नतमस्तक होता हूँ.... मैं कृपाचार्य के चरण स्पर्श करता हूँ:.... (और) कुरु वंश के प्रधान भीष्म के। मैं वृद्ध राजा (धृतराष्ट्र) को नमन करता हूँ। मैं उनके पुत्र दुर्योधन और उनके अनुजों के स्वास्थ्य के बारे में पूछता हूँ तथा उनको शुभकामनाएं देता हूँ .. मैं उन सब युवा कुरु योद्धाओं का अभिनंदन करता हूँ जो हमारे भाई, पुत्र और पौत्र हैं.... सर्वोपरि मैं उन महामति विदुर को (जिनका जन्म दासी से हुआ है) नमस्कार करता हूँ जो हमारे पिता और माता के सदृश हैं.... मैं उन सभी वृद्धा स्त्रियों को प्रणाम करता हूँ जो हमारी माताओं के रूप में जानी जाती हैं। जो हमारी पत्नियाँ हैं उनसे यह कहिएगा कि, ''मैं आशा करता हूँ की वे सुरक्षित हैं''..... मेरी ओर से उन कुलवधुओं का जो उत्तम परिवारों में जन्मी हैं और बच्चों की माताएँ हैं, अभिनंदन कीजिएगा तथा हमारी पुत्रियों का आलिंगन कीजिएगा......सुन्दर, सुंगंधित, सुवेशित गणिकाओं को शुभकामनाएँ दीजिएगा। दासियों और उनकी संतानों तथा वृद्ध, विकलांग और असहाय जनों को भी मेरी ओर से नमस्कार कीजिएगा.......
इस सूची को बनाने के आधारों की पहचान कीजिए - उम्र, लिंग, भेद व बंधुत्व के सन्दर्भ में। क्या कोई अन्य आधार भी हैं? प्रत्येक श्रेणी के लिए स्पष्ट कीजिए कि सूची में उन्हें एक विशेष स्थान पर क्यों रखा गया हैं?
इस अवतरण में जेष्ठ पांडव युधिष्ठिर आयु, लिंग-भेद और बंधुत्व के अतिरिक्त समाज में स्थिति, ज्ञान के आधार पर संबोधन करते हैं। संबोधन की सूची में वर्ण व्यवस्था द्वारा स्थापित मानदंडों का विशेष ध्यान रखा गया है। उदाहरण के लिए सबसे पहले ब्राह्मणों और मुख्य पुरोहित का अभिवादन किया गया है। गुरु द्रोण एवं कृपाचार्य को चरण स्पर्श कहा गया है फिर कुरु वंश के प्रमुख भीष्म पितामह और फिर धृतराष्ट्र के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया है। दुर्योधन और अन्य कुरु योद्धाओं को शुभकामनाएं दी गई हैं। तत्पश्चात महामति विदुर(दासीपुत्र) का आदर पूर्वक अभिवादन किया गया है। इसके बाद महिलाओं को सूची में शामिल किया गया है जो पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता को दर्शाता है। इसके बाद गणिकाओं और सबसे अंत में वर्ण व्यवस्था में सबसे निचले स्तर पर स्थित दस -दसियों को शामिल किया गया है। इसके साथ विकलांग व असहाय को रखा गया है।
स्पष्ट है कि सामाजिक स्थिति के अनुरूप बनाए गए मानदंडों के कारण ही सूची में विभिन्न लोगों को स्थान दिया गया है।