सिन्धु सभ्यता का खेती से किस तरह का संबंध था, स्पष्ट करें?
सिन्धु सभ्यता के खोज की शुरूआत में यह माना जाता रहा है कि इस घाटी के लोग अन्न नहीं उपजाते थे। अनाज संबंधी जरूरतें आयात करके पूरा करते थे। सिन्धु सभ्यता से जुड़ी नई खोजों से यह विचार अमान्य हो गया है। अब सबको मालूम है कि यहाँ उन्नत खेती होती थी। कुछ विद्वान तो सिन्धु सभ्यता को खेतिहर और पशुपालक सभ्यता मानते है। लोहा न होने के बाद भी पत्थर और ताँबे के उपकरणों का प्रयोग खेती में होता था। इतिहासकार इरफान हबीब के अनुसार सिन्धु सभ्यता के लोग रबी की फसल उगाते थे। कपास, गेहूँ, जौ, सरसों और चने की उपज के पुख्ता सबूत खुदाई में मिले हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि यहाँ ज्वार, बाजरा और रागी की उपज भी होती थी। वहाँ के लोग खजूर, खरबूजे और अंगूर उगाते थे। वहाँ कपास की भी खेती होती थी। कपास के बीज तो नहीं मिले हैं लेकिन सूती कपड़ा अवश्य मिला है। यह दुनिया के सूती कपड़ों के दो सबसे पुराने नमूनों में से एक है।