ऐन हालैंड की तत्कालीन दशा के बारे में क्या बताती है?
ऐन ने हालैंड की खराब होती व्यवस्था और दशा के बारे में विस्तार से बताया है। वह बताती है कि वहाँ लोगों को सब्जियाँ और सभी प्रकार के सामानों के लिए लाइनों में खड़े होना पड़ता था। डॉक्टर अपने मरीजों को देख नहीं पाते थे क्योंकि नजर हटते ही कार और मोटर साइकिलें चोरी हो जाती हैं। चोरी के डर से डच लोगों ने अँगूठी तक पहनना छोड़ दिया था। छोटे-छोटे बच्चे तक घरों में घुसकर चोरी करा रहे थे। लोग पाँच मिनट के लिए भी अपना घर नहीं छोड़ते थे, क्योंकि इतनी देर में ही चोरी की घटना हो जाती थी। ऐन बताती है कि वहाँ के अखबारों में चोरी का सामान लौटाये जाने का विज्ञापन हर दिन पढ़ने को मिलता है। गली-गली में लगने वाली बिजली की घड़ियों को लोग उतारकर ले गए थे। इसी प्रकार सार्वजनिक टेलीफोन की भी चोरी हो जाती थी। चारों तरफ कामचोरी का वातावरण फैला था। पुरुषों को जर्मनी भेजा जा रहा था। सरकारी कर्मचारियों पर हमलों की घटना बढ़ती जा रही थी। इस तरह कुल मिलाकर हालैंड की तत्कालीन दशा बहुत ही खराब थी।