ऐन के परिवार को अज्ञातवास में जाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा?
ऐन के पिता हालैंड में रहते थे। वहाँ पर जर्मन शासक हिटलर का प्रभाव स्थापित हो गया था। हालैंड में रहने वाले यहूदी परिवारों को भी हिटलर की नस्लवादी जहर का प्रभाव झेलना पड़ा। हजारों यहूदी नाजी यातना शिविरों में बन्द कर दिये गये थे। ऐन का परिवार भी यहूदी धर्म का अनुयायी था। कुछ समय तक इस परिवार का जीवन सामान्य ढंग से चलता रहा। एक दिन ऐन को अपनी बड़ी बहन मार्गोट से पता चलता है कि उसके पापा को ए. एस. एस. से बुलाए जाने का नोटिस मिला है। यह बुलावा यातना का बुलावा होता था। ऐन को बाद में पता चलता है कि यह बुलावा उसके पापा के लिए नहीं था बल्कि वह बुलावा तो उसकी सोलह वर्ष की बहन मागोट के लिए ही था। ऐन के लिए यह बड़ा सदमा था। उसका परिवार इस घटना की गंभीरता को समझता था इसीलिए वे तुरन्त छिप जाना चाहते थे। इस तरह उन्हें अज्ञातवास में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।