कविता-सृजन का आत्म विश्वास लेखक के मन में कैसे आया? ‘जूझ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
कविता-सृजन का आत्म-विश्वास लेखक के मन में इस प्रकार आया:
1. वह सौंदलगेकर की मालती की बेल पर की गई कविता से लेखक प्रेरित हुआ। उसे कवि भी सामान्य मनुष्यों की तरह लगे।
2. लेखक ने वह लता और कविता दोनों देखीं।
3. लेखक ने गाँव खेत और आस-पास के दृश्य पर कविता बनाना का प्रयास किया।
4. भैंस चराते-चराते वह फसलों और फूलों पर तुकबंदी करने लगा।
5. लकड़ी से भैंस की पीठ पर और कंकड़ से पत्थर की शिला पर कविता लिखता।
6. जब वह कविता बन जाती तो अगले दिन मास्टर को दिखाता।
7. मास्टर कविता की भाषा-शैली आदि बताते।
8. धीरे-धीरे लेखक मास्टर के करीब आ गया और उसे शब्दों का नशा चढ़ने लगा।