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जूझ

Question
CBSEENHN12026746

आनंदा का कविता-प्रेम किन परिस्थितियों में बढ़ता चला गया?

Solution

आनंदा सुबह-शाम खेत पर पानी लगाते हुए या ढोर चराते हुए अकेले में खुले गले से कविताएँ, हाव-भाव, यति-गति और आरोह-अवरोह के अनुसार गाता था। वह पानी लगाते समय अभिनय भी करता था। उसे यह भी याद नहीं रहता था कि पानी की क्यारियों कब की भर गई इन कविताओं के साथ खेलते हुए उसे दो बड़ी शक्तियाँ प्राप्त हुईं-पहले ढोर चराते हुए, पानी लगाते हुए, दूसरे काम करते हुए, अकेलापन बहुत खटकता था। किसी के साथ बोलते हुए, गपशप करते हुए, हँसी-मजाक करते हुए काम करना अच्छा लगता था। वह सोचता कि कविता गाते-गाते थुई-थुई करके नाचा जा सकता है। वह सचमुच नाचने लगता था। उसने अनेक कविताओं को अपनी खुद की चाल में गाना शरू किया। ‘केशव करणी जाति’ छंद की कविता को वह मास्टर की अपेक्षा ज्यादा अभिनय के साथ गाता था।

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