उन सिख बीबी को देखकर साफिया हैरान रह गई थी, किस कदर वह उसकी माँ से मिलती थी। वही भारी भरकम जिस्म, छोटी-छोटी चमकदार आँखें, जिनमें नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगाया करती थी। चेहरा जैसे कोई खुली हुई किताब। वैसा ही सफेद बारीक मलमल का दुपट्टा जैसा उसकी अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थी।
जब साफिया ने कई बार उनकी तरफ मुहब्बत से देखा तो उन्होंने भी उसके बारे में घर की बहू से पूछा। उन्हें बताया गया कि ये मुसलमान हैं। कल ही सुबह लाहोर जा रही हैं अपने भाइयों से मिलने, जिन्हें इन्होंने कई साल से नहीं देखा। लाहौर का नाम सुनकर वे उठकर साफिया के पास आ बैठीं और उसे बताने लगीं कि उनका लाहौर कितना प्यारा शहर है। वहाँ के लोग कैसे खूबसूरत होते हैं, उम्दा खाने और नफीस कपड़ों के शौकीन, सैर-सपाटे के रसिया, जिंदादिली की तसवीर।
A.
पाठ तथा लेखिका का नाम बताइए।
B.
सिख बीबी की किन विशेषताओं को देखकर साफिया हैरान रह गई?
C.
घर की बहू ने सिख बीबी को क्या बताया?
D.
सिख बीबी ने लाहौर के बारे में क्या बताया?
A. पाठ का नाम - नमक। लेखिका का नाम - रजिया सज्जाद जहीर। |
B. साफिया को सिख बीबी में अपनी माँ का रूप दिखाई दिया था। वह भारी भरकम शरीर वाली थी। उक्की आँखे छोटी-छोटी तथा चमकदार थीं। उसने सफेद बारीक मलमल का दुपट्टा ओढ़ रखा था। |
C. घर की बहू ने सिख बीबी को बताया कि साफिया मुसलमान है। यह कल ही अपने भाइयों से मिलने लाहौर जा रही है। |
D. जब सिख बीबी को पता चला कि साफिया लाहौर जा रही है तो वह उसके पास जा बैठी तथा उसे लाहौर के बारे में काफी बताया। यह भी बताया कि वह बहुत प्यारा शहर है। वहाँ के लोग खूबसूरत; बढ़िया खाने, गहने-कपड़ों के बहुत शौकीन हैं। वे दरियादिल होते हैं। |