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रजिया सज्जाद जहीर

Question
CBSEENHN12026677

साफिया ने रात के वातावरण का वर्णन किस प्रकार किया है? लाहौर में उसका कौन-कौन था?

Solution

लेखिका ने रात के वातावरण का वर्णन करते हुए बताया है-

रात को तकरीबन डेढ़ बजे थे। मार्च की सुहानी हवा खिड़की की जाली से आ रही थी। बाहर चाँदनी साफ और ठंडी थी। खिड़की के करीब लगा चंपा का एक घना दरख्त सामने की दीवार पर पत्तियाँ के अक्स लहका रहा था। कभी किसी तरफ से किसी की दबी हुई खाँसी की आहट। दूर से किसी कुत्ते के भौंकने या रोने की आवाज, चौकीदार की सीटी और फिर सन्नाटा! यह पाकिस्तान था। यहाँ उसके तीन सगे भाई थे, बेशुमार चाहने वाले दोस्त थे, बाप की कब्र थी, नन्हे-मुन्ने भतीजे-भतीजियाँ थीं जो उससे बड़ी मासूमियत से पूछते ‘फूफीजान, आप हिंदुस्तान में क्यों रहती हैं, जहाँ हम लोग नहीं आ सकते।’ उन सबके और साफिया के बीच में एक सरहद थी और बहुत ही नोकदार लोहे की छड़ों का जंगला, जो कस्टम कहलाता था।

Some More Questions From रजिया सज्जाद जहीर Chapter

साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?

नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था?

जब साफिया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

‘लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है’ जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं?

नमक ले जाने के बारे में साफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

‘मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट जाती है’ -उचित तर्कों व उदाहरणो के जरिए इसकी पुष्टि करें।

नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद खुला हुआ है, कैसे?

क्या सब कानून हकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे हावी हो रही थी।

मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।