‘बगुलों के पंख’ कविता को पढ़ने पर आपके मन में कैसे चित्र उभरते हैं? उनकी किसी भी अन्य कला माध्यम में अभिव्यक्ति करें।
’बगुलों के पंख’ कविता को पढ़ने पर हमारे मन में आसमान में छाए काले-काले (कजरारे) बादलों का चित्र उभरता है।
संध्याकालीन दृश्य का चित्र भी उभरता है।
काले बादलों के बीच तैरते सफेद-सफेद बादल खंड बगुलों के समान प्रतीत होते हैं।



