शब्दों के माध्यम से जब कवि दृश्यों, चित्रों, ध्वनि-योजना अथवा रूप-रस-गंध को हमारी ऐंद्रिक अनुभवों में साकार कर देता है तो बिंब का निर्माण होता है। इस आधार पर प्रस्तुत कविता से बिंब की खोज करें।
बिंब
नम में पाँति बाँधे बगुलों के पंख
चुराए लिए जातीं वे मेरी आँखें
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया
तैरती ससाँझकी सतेज श्वेत काया।
(नम में उड़ती बगुलों की पंक्ति का बिंब)



