पौधों के फलों का काव्य-सृजन से क्या संबंध स्थापित किया गया है?
पौधे के फलों का सृजन से गहरा संबंध है। जिस प्रकार पौधे पर फल लगते हैं और उनमें रस भर जाता है, इसी प्रकार भावों से काव्य रचना जन्म लेती है और उसमें से अलौकिक रस की धारा फूट निकलती है। यह रसधारा अनंत काल तक बनी रहती है अर्थात् रचना कालजयी हो जाती है।