रोपाई क्षण की
कटाई अनंतता की
लुटते रहने से ज़रा भी नहीं कम होती।
किसी क्षण विशेष में बीज की रोपाई होने का ही यह परिणाम है कि फसल कटाई की स्थिति तक जा पहुँचती है। इसी प्रकार विचार या भाव का मन में उत्पन्न होना ही उसे रसानुभूति की स्थिति तक ले जाता है। यह रस धारा अनंत काल तक चलने वाली कटाई से भी कम नहीं होती अर्थात् साहित्यिक रचना कालजयी होती है। उसे असंख्य पाठकों द्वारा बार-बार पड़े जाने पर उसका महत्त्व कम नहीं होता। वह लुटते रहने पर भी कम नहीं होती अर्थात् साहित्य का रस कभी चुकता नहीं।