त्रिलोचन पर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा बनाई गई फिल्म देखिए।
विद्यार्थी एन.सी.ई.आर.टी. से सी.डी. मँगवाकर विद्यालय में देखें।
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त्रिलोचन पर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा बनाई गई फिल्म देखिए।
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मैंने कहा कि चम्पा, पढ़ लेना अच्छा है
ब्याह तुम्हारा होगा, तुम गौने जाओगी
कुछ दिन बालम संग-साथ रह चला जायगा जब कलकत्ता
बड़ी दूर है वह कलकत्ता
कैसे उसे सँदेसा दोगी
कैसे उसके पत्र पढ़ोगी
चम्पा पढ़ लेना अच्छा है!
चम्पा बोली: तुम कितने झूठे हो, देखा, हाय राम
तुम पढ़-लिखकर इतने झूठे हो
मैं तो ब्याह कभी न करूँगी
और कहीं जो ब्याह हो गया
तो मैं अपने बालम को संग-साथ रखूँगी
कलकत्ता मैं कभी न जाने दूँगी
कलकने पर बजर गिरे।
चंपा ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे?
चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी?
कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
आपके विचार में चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मैं तो नहीं पढूँगी?
यदि चंपा पड़ी-लिखी होती, तो कवि से कैसे बातें करती?
इस कविता में पूर्वी प्रदेश की स्त्रियों की किस विडंबनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है?
संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को किस वेदना और विपत्ति को भोगना पड़ता है-अपनी कल्पना से लिखिए?
त्रिलोचन पर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा बनाई गई फिल्म देखिए।
चम्पा कौन है? वह क्या नहीं जानती?
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