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मियाँ नसीरुद्दीन

Question
CBSEENHN11012205

पग घुँघरू बाँधि मीरां नाजी

मैं तौ मेरे नारायण सूं, आपहि हो गई साची

लोग कहै, मीरां भइ बावरी, न्यात कहै कुल-नासी

विस का प्याला राणा भेज्या, पीवत मीरां हाँसी न

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, सहज मिले अविनासी।

Solution

प्रसंग प्रस्तुत पद कृष्णभक्त कवयित्री मीराबाई द्वारा रचित है।। प्रेम दीवानी मीरा कां लोगों के ताना की कोई परवाह नहीं है।। वह तो अपने प्रिय कृष्ण की दीवानी है। उसी मस्ती में वह उनकी मूर्ति के सम्मुख नाचती रहती है।

व्याख्या - मीरा अपने पैरों मे घुँघरू बांधकर अपने प्यारे कृष्ण के सामने नाचती हैं। वह तो अपने नारायण (कृष्ण) के लिए हो दै-। इससे वह बिना किसी प्रयास के ही सच्ची हो गई है अर्थात् उसमें पवित्रता का समावेश ही गया है। यह देखकर लोग कहते है कि मीरा तो पागल हो गई हूं और कुटुंब के लोग कहते हैं कि मीरा ने कुल का नाश कर दिया है; गर मुझे इन बातों की कोई परवाह नहीं है। उसे अपने कृष्ण-प्रेम पर अटल विश्वास है। मीरा बताती है कि मुझे मारने के लिए मेरे देवर राणाजी ने पीने के लिए विष का प्याला भिजवाया। मीरा हँसकर उसे पी गई अर्थात् विष के प्याले को पीते हुए हँस पड़ी। मेरे कृष्ण के प्रति प्रेम ने उसे विष के स्थान पर अमृत बना दिया। उसे पीकर मैं अमर हो गई। मीरा को प्रभु के रूप में गिरधर नागर अर्थात् कृष्ण की प्राप्ति हो गई है। वे उसे बिना किसी विशेष प्रयास -के मिल गए हैं। वे अविनाशी भी हैं।

भाव यह है कि जो भगवान के प्रेम और भक्ति को पा लेता है उसके सभी संकट कट जाते हैं। उसे कोई चिंता नहीं रह जाती। विशेष-
1. मीरा की आनंदावस्था का वर्णन है।

2. मीरा लोक निंदा की परवाह नहीं करती। यहाँ उसका निडरस्वरूप उभरता है।

3. ‘कहै कुल’ में अनुप्रास अलंकार है।

4. ब्रज एवं राजस्थानी भाषा का मिश्रण प्रयुक्त है।

Some More Questions From मियाँ नसीरुद्दीन Chapter

लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन के पास क्यों गई थीं?

बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी क्यों खत्म होने लगी?

मियाँ नसीरुद्दीन के चेहरे पर किसी दबे हुए अंधड़ के आसार देख यह मजमून न छेड़ने का फैसला किया- इस कथन के पहले और बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए इसे स्पष्ट कीजिए।

पाठ में मियां नसीरुद्दीन का शब्दचित्र लेखक ने कैसे खींचा है?

मियाँ नसीरुद्दीन की कौन-सी बातें आपको अच्छी लगीं?

तालीम की तालीम ही बड़ी चीज होती है-यहाँ लेखक ने तालीम शब्द का दो बार प्रयोग क्यों किया है ? क्या आप दूसरी बार आए तालीम शब्द की जगह कोई अन्य शब्द रख सकते हैं? लिखिए ।

मियां नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के हैं, जिसने अपने खानदानी व्यवसाय को अपनाया । वर्तमान समय में प्राय : लोग अपने पारंपरिक व्यवसाय को नहीं अपना रहे हैं । ऐसा क्यों? 

मियां, कहीं अखबारनवीस तो नहीं हो? वह तो खोजियों की खुराफात है-अखबार की भूमिका को देखते हुए इस पर टिप्पणी करें ।

‣ पाठ में आए रोटियों के अलग- अलग नामों की सूची बनाएं और इनके बारे में जानकारी प्राप्त करें ।

तीन-चार वाक्यों में अनुकूल प्रसंग तैयार कर नीचे दिए गए वाक्यों का इस्तेमाल करें ।

(क) पंचहजारी अंदाज से सिर हिलाया ।

(ख) आँखों के कंचे हम पर फेर दिए ।

(ग) आ बैठे उन्हीं के ठीये पर ।