कवि अपनी वास्तविक स्थिति को पिता से क्यों छिपाना चाहता है?
कवि भवानीप्रसाद मिश्र जेल में हैं। उस समय के सेनानियों को जेल में क्या यातनाएँ दी जाती थीं, उनसे पिता जी को अवगत कराना नहीं चाहता है। पिताजी सरल और भावुक स्वभाव के हैं। उनका मन वट वृक्ष के समान द्रवित होने लगता है। थोड़ी-सी परेशानी की बात सुनकर वे रोने लगते हैं। उन्हें सुखी चाहता हुआ कवि पिता से वास्तविकता छिपाना चाहता है।