निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
वर्षा के दिनों में नदी पार करने की कठिनाई को देखते हुए वंशीधर ने नदी पर के गाँव में एक यजमान के घर पर मोहन का डेरा तय कर दिया था। घर के अन्य बच्चों की तरह मोहन खा-पीकर स्कूल जाता और छुट्टियों में नदी उतार पर होने पर गांव लौट आता था। संयोग की बात, एक बार छुट्टी के पहले दिन जब नदी का पानी उतार पर ही था और मोहन कुछ घसियारों के साथ नदी पार कर घर आ रहा था तो पहाड़ी के दूसरी और भारी वर्षा होने के कारण अचानक नदी का पानी बढ़ गया। पहले नदी की धारा में झाड़-झंखाड़ और पात-पतेल आने शुरू हुए तो अनुभवी घसियारों ने तेजी से पानी को काटकर आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन किनारे पहुँचते-न-पहुँचते मटमैले पानी का रेल। उन तक आ ही पहुंचा। वे लोग किसी प्रकार सकुशल इस पार पहुंचने में सफल हो सके। इस घटना के बाद वंशीधर घबरा गए और बच्चे के भविष्य को लेकर चिन्तित रहने लगे।
1. वंशीधर ने कहाँ किसका डेरा डाला और क्यों?
2. एक दिन क्या घटना घटी?
3. एक दिन क्या घटना घटी?
1. पंडित वंशीधर ने नदी पार के एक गाँव में एक यजमान के घर अपने पुत्र मोहन का डेरा डाल दिया। मोहन पढ़ने के लिए दूर स्कूल में जाता था। वर्षा के दिनों में नदी पार करने में कठिनाई होती थी। यहाँ रहने से मोहन को सुविधा होती थी। वह घर के अन्य बच्चों की तरह खा-पीकर स्कूल चला जाता था और छुट्टियों में नदी में उतार होने पर गाँव लौट आता था।
2. एक बार ऐसा हुआ कि पहले दिन तो नदी का पानी उतार पर था और मोहन कुछ घसियारों के साथ नदी पार कर घर आ रहा था, तो पहाड़ी के दूसरी ओर भारी वर्षा के कारण नदी में पानी बढ़ गया। अब खतरा उत्पन्न हो गया। घसियारों ने तेजी से पानी को काटकर आगे बढ़ने की बहुत कोशिश की पर मटमैले पानी का रेला उन तक पहुँच ही गया। पर वे किसी प्रकार सकुशल घर पहुँचने में कामयाब हो गए।
3. नदी में आई मुसीबत को देखकर पंडित वंशीधर बहुत घबरा गए। उन्हें अपने बेटे मोहन के भविष्य को लेकर चिंता होने लगी कि कहीं कभी उनका बेटा किसी दुर्घटना का शिकार न हो जाए।