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गलता लोहा

Question
CBSEENHN11012047

गाँव और शहर, दोनों जगहों पर चलने वाले मोहन के जीवन-संघर्ष में क्या फर्क है? चर्चा करें और लिखें।

Solution

गाँव में मोहन का जीवन-संघर्ष केवल अच्छी शिक्षा पाने के लिए था। गाँव के स्कूल में वह एक प्रतिभावान् छात्र समझा जाता था। स्कूल और गाँव में उसका सम्मान था। सभी उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते थे।

शहर आकर वह पढ़ाई में निरंतर पिछड़ता चला गया। इसके दो कारण थे-

1 उसे किसी अच्छे स्कूल में भर्ती नहीं कराया गया था।

2. उसे घरेलू कामों में उलझाकर एक घरेलू नौकर बना दिया गया था। अब उसे काम पाने वेन लिए संघर्ष करना पड़ रहा था।

Some More Questions From गलता लोहा Chapter

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मोहन के लखनऊ आने के बाद के समय को लेखक ने उसके जीवन का एक नया अध्याय क्यों कहा है?

मास्टर त्रिलोकसिंह के किस कथन को लेखक ने ज़बान के चाबुक कहा है और क्यों?

बिरादरी का यही सहारा होता है।

क. किसने किससे कहा?

ख. किस प्रसंग में कहा?

ग. किस आशय से कहा?

घ. क्या कहानी में यह आशय स्पष्ट हुआ है?

उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य-

क. किसके लिए कहा गया है?

ख. किस प्रसंग में कहा गया है?

ग. यह पात्र-विशेष के किन चारित्रिक पहलुओं को उजागर करता है?

गाँव और शहर, दोनों जगहों पर चलने वाले मोहन के जीवन-संघर्ष में क्या फर्क है? चर्चा करें और लिखें।

एक अध्यापक के रूप में त्रिलोकसिंह का व्यक्तित्व आपको कैसा लगता है? अपनी समझ में उनकी खूबियों और खामियों पर विचार करें।

गलता लोहा कहानी का अंत एक खास तरीके से होता है। क्या इस कहानी का कोई अन्य अंत हो सकता है? चर्चा करें।

पाठ में निम्नलिखित शब्द लौहकर्म से संबंधित है। किसका क्या प्रयोजन है? शब्द के सामने लिखिए-

1. धौंकनी .................

2. दराँती .................

3. संड़सी .................

4. आफर .................

5. हथौडा .................

पाठ में काट-छाँटकर जैसे कई संयुक्त क्रिया शब्दों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच शब्द पाठ में से चुनकर लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।