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गलता लोहा

Question
CBSEENHN11012046

उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य-

क. किसके लिए कहा गया है?

ख. किस प्रसंग में कहा गया है?

ग. यह पात्र-विशेष के किन चारित्रिक पहलुओं को उजागर करता है?

Solution

(क) यह वाक्य मोहन के लिए कहा गया है।

(ख) जब मोहन ने भट्टी पर बैठकर लोहा गलाने तथा उसे त्रुटिहीन गोलाई में ढालकर सुडौल बना दिया तब उसकी आँखों में सर्जकबनाने वाले की चमक थी।

(ग) यह मोहन के चरित्र की इस विशेषता को उजागर करता है कि वह परिश्रम से जी चुराने वाला नहीं था। वह जाति को किसी व्यवसाय से नहीं जोड़ता था।

Some More Questions From गलता लोहा Chapter

कहानी के उस प्रसंग का उल्लेख करें, जिसमें किताबों की विद्या और घन चलाने की विद्या का जिक्र आया है।

घनराम मोहन को अपना प्रतिद्वंद्वी क्यों नहीं समझता था?

मोहन के लखनऊ आने के बाद के समय को लेखक ने उसके जीवन का एक नया अध्याय क्यों कहा है?

मास्टर त्रिलोकसिंह के किस कथन को लेखक ने ज़बान के चाबुक कहा है और क्यों?

बिरादरी का यही सहारा होता है।

क. किसने किससे कहा?

ख. किस प्रसंग में कहा?

ग. किस आशय से कहा?

घ. क्या कहानी में यह आशय स्पष्ट हुआ है?

उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य-

क. किसके लिए कहा गया है?

ख. किस प्रसंग में कहा गया है?

ग. यह पात्र-विशेष के किन चारित्रिक पहलुओं को उजागर करता है?

गाँव और शहर, दोनों जगहों पर चलने वाले मोहन के जीवन-संघर्ष में क्या फर्क है? चर्चा करें और लिखें।

एक अध्यापक के रूप में त्रिलोकसिंह का व्यक्तित्व आपको कैसा लगता है? अपनी समझ में उनकी खूबियों और खामियों पर विचार करें।

गलता लोहा कहानी का अंत एक खास तरीके से होता है। क्या इस कहानी का कोई अन्य अंत हो सकता है? चर्चा करें।

पाठ में निम्नलिखित शब्द लौहकर्म से संबंधित है। किसका क्या प्रयोजन है? शब्द के सामने लिखिए-

1. धौंकनी .................

2. दराँती .................

3. संड़सी .................

4. आफर .................

5. हथौडा .................