उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य-
क. किसके लिए कहा गया है?
ख. किस प्रसंग में कहा गया है?
ग. यह पात्र-विशेष के किन चारित्रिक पहलुओं को उजागर करता है?
(क) यह वाक्य मोहन के लिए कहा गया है।
(ख) जब मोहन ने भट्टी पर बैठकर लोहा गलाने तथा उसे त्रुटिहीन गोलाई में ढालकर सुडौल बना दिया तब उसकी आँखों में सर्जकबनाने वाले की चमक थी।
(ग) यह मोहन के चरित्र की इस विशेषता को उजागर करता है कि वह परिश्रम से जी चुराने वाला नहीं था। वह जाति को किसी व्यवसाय से नहीं जोड़ता था।