निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
मध्य हिमालय की जो श्रेणियां स्पीति को घेरे हुए हैं उनमें से जो उत्तर में हैं उसे बारालाचा श्रेणियों का विस्तार समझें। बारालाचा दर्रे की ऊँचाई का अनुमान 16,221 फीट से लगाकर 16,500 फीट का लगाया गया है इस पर्वत- श्रेणी में दो चोटियों की ऊँचाई 21,000 फीट से अधिक है। दक्षिण में जो श्रेणी है वह माने श्रेणी कहलाती है। इसका क्या अर्थ है? कहीं यह बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर तो नहीं है? ‘ओं मणि पसे हुं’ इनका बीज मंत्र है। इसका बड़ा माहात्म्य है। इसे संक्षेप में माने कहते हैं। कहीं इस श्रेणी का नाम इस माने के नाम पर तो नहीं है? अगर नहीं है तो करने जैसा है। यहां इन पहाड़ियों में माने का इतना बाप हुआ है कि यह नाम उन श्रेणियों को दे डालना ही सहज हैं।
1. बारालाचा श्रेणियों के बारे में क्या बताया गया है?
2. दक्षिण की श्रेणी क्या कहलाती है?
3. लेखक को माने नाम पड़ने का क्या कारण प्रतीत होता है?
1. मध्य हिमालय की कुछ श्रेणियाँ स्पीति के चारों ओर हैं। इनमें जो उत्तर की ओर हैं, वे बारालाचा श्रेणियों का विस्तार ही है। बारालाचा दर्रे की ऊँचाई का अनुमान 16,221 फीट से लेकर 16,500 फीट तक का है।
2. दक्षिण में जो पर्वत- श्रेणी है, वह माने श्रेणी कहलाती।
3. लेखक इस श्रेणी का नाम ‘माने’ रखा जाने पर विचार करता है। बौद्धों के एक मंत्र का नाम भी माने है। हो सकता है कि इस श्रेणी का नाम इसी मंत्र कै केम पर रखा गया हो। इन पहाड़ियों में माने मंत्र का बहुत अधिक जाप हुआ है, अत: यही नाम रखना उचित भी है।