निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-
इस व्यथा की कथा इन पहाड़ों की ऊँचाई के आँकडों में नहीं कही जा सकती। फिर भी जो सुंदरता को -इंच में मापने के अभ्यासी हैं वे भला पहाड़ को कैसे बख्श सकते हैं। वे यह जान लें कि स्पीति मध्य हिमालय की घाटी है। जिसे वे हिमालय जानते हैं-स्केटिंग, सौंदर्य प्रतियोगिता, आइसक्रीम और खोले- मठुरे का कुल्लू-मनाली, शिमला, मसूरी, नैनीताल, श्रीनगर वह सब हिमालय नहीं है। हिमालय का तलुआ है। शिवालिक या पीरपंचाल या ऐसा ही कुछ उसका नाम है यह तलहटी है। रोहतांग जोत के पार मध्य हिमालय है। इसमें ही लाहुल-स्पीति की घाटियां हैं। इन घाटियों की औसत ऊंचाई नापी गई है। श्री कनिंघम के अनुसार लाहुल की समुद्र की सतह से ऊंचाई 10,235 फीट है। स्पीति की 12,986 फीट है। यानी लगभग 13,000 फीट तो औसत ऊंचाई है।
1. स्पीति के बारे में क्या जानना आवश्यक है?
2. क्या हिमालय नहीं है?
3. लाहुल-स्पीति की घाटियाँ कहाँ हैं? इनकी ऊँचाई क्या है?
1. स्पीति के बारे में यह जानना आवश्यक है कि पहाड़ों की व्यथा-कथा को केवल ऊँचाई के पैमाने से नहीं जाना जा सकता। सुंदरता एक अलग चीज है, इसे इंचों से नहीं मापा जा सकता। स्पीति को सुंदरता की दृष्टि से देखना होगा।
2. सामान्यत: लोग हिमालय को इस रूप में जानते हें-वहाँ स्केटिंग और सौंदर्य प्रतियोगिताएँ आयोजित होती हैं। वहाँ आइसक्रीम और छोले- भठुरे खाए जाते है। ये बातें तो कुरु-मनाली, शिमला, मसूरी, नैनीताल और श्रीनगर में होती हैं। वास्तव में यह सब हिमालय नहीं है, हिमालय का तलुआ है।
3. स्पीति मध्य हिमालय की घाटी है। लाहुल-स्पीति की घाटियों की औसत ऊँचाई नापी गई है। लाहुल की ऊँचाई समुद्र की सतह से 10,535 फीट है और स्पीति की 12,986 फीट है। औसत ऊँचाई 13,000 फीट है।