मियाँ नसीरुद्दीन ने रोटियों की कौन-कौन सी किस्में लेखिका को बताई तथा वर्तमान समय में आए किस परिवर्तन का जिक्र किया?
मियाँ नसीरुद्दीन ने रोटियों की ये किस्में बताई:
'बाकराखानी-शीरमाल-ताफतान-बेसनी-खमीरी-रूमाली-गाव-दीदा-गाजेबान-तुनकी ।
फिर तेवर चढ़ा घूरकर कहा- 'तुनकी पापड़ से ज्यादा महीन होती है, महीन । हाँ-किसी दिन खिलाएँगे आपको ।'
एकाएक मियाँ की आँखों के आगे कुछ कौंध गया । एक लंबी साँस भरी और किसी गुमशुदा याद को ताजा करने को कहा- 'उतर गए वे जमाने और गए वे कद्रदान जो पकाने-खाने की क्रद्र करना जानते थे! मियाँ अब क्या रखा है.. .. .निकाली तंदूर से-निगली और हजम ।'