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मियाँ नसीरुद्दीन

Question
CBSEENHN11011965

मियां कुछ देर सोच में खोए रहे । सोचा पकवान पर रोशनी डालने को है कि नसीरुद्दीन साहब बड़े रुखाई से बोले- 'यह हम न बतावेंगे । बस, आप इत्त समझ लीजिए कि एक कहावत है कि न की खानदानी नानबाई कुएं में भी रोटी पका सकता है । कहावत जब भी गढ़ी गई हो, हमारे बुजुर्गो के करतब पर ही पूरी उतरती है । '

मजा लेने के लिए टोका- 'कहावत यह सच्ची भी है कि.. .... ।'

मियाँ ने तरेरा- 'और क्या झूठी है? आप ही बताइए, रोटी पकाने में झूठ का क्या काम! झूठ से रोटी पकेगी? क्या पकती देखी है कभी! रोटी जनाब पकती है आँच से, समझे! '

A.

मियाँ नसीरुद्दीन किस सोच में पड़ गए? बाद में उन्होंने क्या उत्तर दिया?

B.

मियाँ नसीरुद्दीन के उत्तर से उनकी किस विशेषता का पता चलता है?

C.

गद्याशं के अत में मियाँ किस बात का दावा करते हैं?

Solution

A.

जब मियाँ नसीरुद्दीन से उसके बुजुर्ग द्वारा बादशाह के लिए बनाये गये पकवान का नाम पूछा तो वे कुछ सोच में पड़ गए । वास्तविकता यह थी कि ऐसा कोई पकवान बनाया ही नहीं गया था । अत : वे क्या नाम बताते । बाद में उन्होंने यह उत्तर दिया-हम यह नहीं बताएँगे । खानदानी नानबाई कुएँ में भी रोटी पका सकता है ।

B.

मियाँ नसीरुद्दीन के उत्तर से उनकी चतुराई तथा सोचने की और अभिव्यक्ति की कला का पता चलता है । उन्हें किसी भी बात का उत्तर देने में महारत हासिल है ।

C.

गद्यांश के अंत में मियाँ इस बात का दावा करते हैं कि खानदानी नानबाई कुछ भी पकाकर दिखा सकता है । रोटी पकाने में झूठ बोलने का कोई काम नहीं होता । रोटी झूठ से नहीं पकती बल्कि आँच से ही पकती है ।

Some More Questions From मियाँ नसीरुद्दीन Chapter

लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन के पास क्यों गई थीं?

बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी क्यों खत्म होने लगी?

मियाँ नसीरुद्दीन के चेहरे पर किसी दबे हुए अंधड़ के आसार देख यह मजमून न छेड़ने का फैसला किया- इस कथन के पहले और बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए इसे स्पष्ट कीजिए।

पाठ में मियां नसीरुद्दीन का शब्दचित्र लेखक ने कैसे खींचा है?

मियाँ नसीरुद्दीन की कौन-सी बातें आपको अच्छी लगीं?

तालीम की तालीम ही बड़ी चीज होती है-यहाँ लेखक ने तालीम शब्द का दो बार प्रयोग क्यों किया है ? क्या आप दूसरी बार आए तालीम शब्द की जगह कोई अन्य शब्द रख सकते हैं? लिखिए ।

मियां नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के हैं, जिसने अपने खानदानी व्यवसाय को अपनाया । वर्तमान समय में प्राय : लोग अपने पारंपरिक व्यवसाय को नहीं अपना रहे हैं । ऐसा क्यों? 

मियां, कहीं अखबारनवीस तो नहीं हो? वह तो खोजियों की खुराफात है-अखबार की भूमिका को देखते हुए इस पर टिप्पणी करें ।

‣ पाठ में आए रोटियों के अलग- अलग नामों की सूची बनाएं और इनके बारे में जानकारी प्राप्त करें ।

तीन-चार वाक्यों में अनुकूल प्रसंग तैयार कर नीचे दिए गए वाक्यों का इस्तेमाल करें ।

(क) पंचहजारी अंदाज से सिर हिलाया ।

(ख) आँखों के कंचे हम पर फेर दिए ।

(ग) आ बैठे उन्हीं के ठीये पर ।