Sponsor Area

साखियाँ एवं सबद

Question
CBSEENHN9001335

कबीर ने ईश्वर-प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है?

Solution

कबीर ने ईश्वर-प्राप्ति के प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है। उनके अनुसार ईश्वर न मंदिर में है, न मस्जिद में; न काबा में हैं, न कैलाश आदि तीर्थ यात्रा में; वह न कर्म करने में मिलता है, न योग साधना से, न वैरागी बनने से। ये सब उपरी दिखावे हैं, ढोंग हैं। इनमें मन लगाना व्यर्थ है। कबीर ने आडम्बर युक्त भक्ति करके ईश्वर प्राप्ति की इच्छा करना इन सभी प्रचलित मान्यताओं का खंडन किया है।

Sponsor Area

Some More Questions From साखियाँ एवं सबद Chapter

किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कुल से होती है या कर्मों से? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि।

मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढता फिरता है? 

कबीर ने ईश्वर-प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है?

कबीर ने ईश्वर को 'सब स्वाँसों की स्वाँस' में क्यों कहा है?

कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना सामान्य हवा से न कर आँधी से क्यों की?

ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

भाव स्पष्ठ कीजिये-
हिति चित्त की द्वै थूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।

भाव स्पष्ठ कीजिये-
आँधी पीछै जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।

संकलित साखियों और पदों के आधार पर कबीर के धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव सम्बन्धी विचारों पर प्रकाश डालिए।