Question
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
वे उलटकर चोट भी करेंगे और तब काँच और हीरे का भेद जानना बाकी न रहेगा।
Solution
लेखक ने काँच और हीरे में अंतर बताते हुए कहा है कि हीरा अनमोल होता है। उसके भीतर की चमक चाहे हमारी आँखों के सामने से ओझल रहे किन्तु वह अमर होता है। वह कभी गहरी चोट लगने पर भी टूटता नहीं है और कभी पलटकर वार नहीं करता। वास्तविक हीरे की परख हथौड़े की चोट पर खरी उतरती है। हीरे को पहचानने के लिए पारखी दृष्टि अनिवार्य है नहीं तो काँच की चमक मन मोह लेती है। हीरे को देखकर उसके प्रेमी उसे साफ-सुथरा खरादा हुआ, आँखों में चकाचौंथ पैदा करता हुआ देखना चाहते है। उसके भीतरी सुन्दरता का भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। काँच की चमक नश्वरता का प्रतीक है। उसके पीछे दौड़ना मूर्खता का पर्याय है।