Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
आकाश में उड़ता हुआ खून से लथपथ एक बाज साँप की उस गुफा में आ गिरा। उसकी छाती पर कितने ही ज़ख्मों के निशान थे, पंख खून से सने थे और वह अधमरा-सा जोर-शोर से हाँफ रहा था। ज़मीन पर गिरते ही उसने एक दर्द भरी चीख मारी और पंखों को फड़फड़ाता हुआ धरती पर लाेटने लगा। डर से साँप अपने कोने में सिकुड़ गया। किंतु दूसरे ही क्षण उसने भाँप लिया कि बाज जीवन की अंतिम साँसें गिन रहा है और उससे डरना बेकार है। यह सोचकर उसकी हिम्मत बँधी और वह रेंगता हुआ उस घायल पक्षी के पास जा पहुँचा। उसकी तरफ़ कुछ देर तक देखता रहा, फिर मन ही मन खुश होता हुआ बोला- 'क्यों भाई, इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली?”
साँप की हिम्मत कैसे बंधी, उसने बाज से क्या कहा?
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जब उसे पता चला कि बाज मरने वाला है तो उसने उससे कहा कि इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली।
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जब बाज ने उसे मित्र कहा तो उसने बाज को अपने पास बैठाने काे कहा
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जब बाज ने उसे सहायता के लिए कहा तो साँप ने उसे नदी में अपने घाव धोने को कहा
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इनमें से कोई नहीं
Solution
A.
जब उसे पता चला कि बाज मरने वाला है तो उसने उससे कहा कि इतनी जल्दी मरने की तैयारी कर ली।