कामचोर

Question
CBSEENHN8001132

बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? कामचोर कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

Solution

बड़े होते बच्चे यदि माता-पिता के कार्यों में हाथ बँटाएँ व अपने छोटे-मोटे कार्यों हेतु उन पर निर्भर न रहें तो वे उनके सहयोगी हो सकते हैं। यदि पूर्णतया माता-पिता पर ही निर्भर रहें तो कभी-कभी वे भार भी लगने लगते हैं-जैसे कामचोर कहानी में बच्चे पानी तक भी स्वयं नहीं पीते, हर कार्य हेतु माता-पिता या नौकरों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे बच्चे कई बार माता-पिता को भार लगने लगते हैं। वास्तव में बच्चों का भी कसूर नहीं होता क्योंकि माता-पिता उन्हें समयानुसार कोई कार्य सिखाते नहीं हैं इसीलिए वे सक्षमता से कार्य करने में असफल रहते हैं।

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“या तो बच्चाराज कायम कर लो या मुझे ही रख लो।” अम्मा ने कब कहा? और इसका परिणाम क्या हुआ?

‘कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती है? 

क्या बच्चों ने उचित निर्णय लिया कि अब चाहे कुछ भी हो जाए, हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे?

घर के सामान्य काम हों या अपना निजी काम, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुरूप उन्हें करना आवश्यक क्यों है?

भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।

बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? कामचोर कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

‘कामचोर’ कहानी एकल परिवार की कहानी है या संयुक्त परिवार की? इन दोनों तरह के परिवारों में क्या-क्या अंतर होते हैं?

घरेलू नौकरों को हटाने की बात किन-किन परिस्थितियों में उठ सकती है? विचार कीजिए।

कहानी में एक समृद्ध परिवार के ऊधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों बिगड़ी होगी? उन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए आप क्या-क्या सुझाव देना चाहेंगे?

किसी सफल व्यक्ति की जीवनी से उसके विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या के बारे में पढ़ें और सुव्यवस्थित कार्यशैली पर एक लेख लिखें।