Question
हरिशंकर परसाई की रचना ‘बस की यात्रा’ आज के समाज में भी कैसे सार्थक है?
Solution
हरिशंकर परसाई की रचना ‘बस की यात्रा’ आज के समाज में भी सार्थक है क्योंकि आज भी हम कई बार देखते हैं कि सड़क पर पुराने वाहन धड़ाधड़ चल रहे होते हैं। उनके मालिकों को लोगों की जान की कोई परवाह नहीं होती। इस हेतु सरकार भी भरसक प्रयत्न करती है लेकिन फिर भी स्वार्थ हेतु लोग अपनी मनमानी करते रहते हैं।