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कबीर की साखियाँ
Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
माला तो कर में फिरै, जीभि फिरै मुख माँहि।
मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं।।
पाखंड किस रूप में दिखता है?
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दिखावे की भक्ति करने में
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छापे-तिलक लगाने में
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हाथ में मनकों की माला और मुँह में निरंतर राम का नाम लेकिन मन का दसों दिशाओं में भटकना
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एकाग्रचित्त न होने पर।
Solution
C.
हाथ में मनकों की माला और मुँह में निरंतर राम का नाम लेकिन मन का दसों दिशाओं में भटकनाSome More Questions From कबीर की साखियाँ Chapter
साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?
क्या हमें पलटकर किसी को गाली देनी चाहिए? यदि नहीं तो क्यों?
कबीर ने अपनी साखी में भक्ति के मार्ग पर पाखंडों का विरोध क्यों और कैसे किया है?
कबीर के अनुसार समाज में कभी किसी को कमजोर क्यों नहीं समझना चाहिए?
कबीर की साखियाँ क्या संदेश देती हैं?
‘साखियाँ’ शब्द क्या अर्थ देता है?
साधु की जाति न पूछने की सलाह कबीर ने क्यों दी है?
किसी को अपशब्द क्यों नहीं कहने चाहिए?
ईश्वर की भक्ति हेतु कवि ने मन के बारे में क्या कहा है?
कबीर ने घास के तिनके की भी निंदा न करने को क्यों कहा है?
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