कबीर की साखियाँ

Question
CBSEENHN8000757

साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?

Solution

साधु की जाति इसलिए नहीं पूछनी चाहिए क्योकि हमें उनसे ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। ज्ञानवान मनुष्य तो किसी भी जाति का हो सकता है और उसकी दृष्टि में सभी समान महत्त्व रखते हैं।

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कबीर के दोहों को साखी क्यों कहा जाता है? ज्ञात कीजिए।

बोलचाल की क्षेत्रीय विशेषताओं के कारण शब्दों के उच्चारण में परिवर्तन होता है जैसे वाणी शब्द बानी बन जाता है। मन से मनवा, मनुवा आदि हो जाता है। उच्चारण के परिवर्तन से वर्तनी भी बदल जाती हैं। नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं उनका वह रूप लिखिए जिससे आपका परिचय हो।
ग्यान, जीभि, पाऊँ. तलि, आँखि, बरी।

साधु की जाति क्यों नहीं पूछनी चाहिए?

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कबीर ने अपनी साखी में भक्ति के मार्ग पर पाखंडों का विरोध क्यों और कैसे किया है?

कबीर के अनुसार समाज में कभी किसी को कमजोर क्यों नहीं समझना चाहिए?

कबीर की साखियाँ क्या संदेश देती हैं?

‘साखियाँ’ शब्द क्या अर्थ देता है?

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