Question
कबीर ने घास के तिनके की भी निंदा न करने को क्यों कहा है?
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घास का तिनका गहरा घाव कर सकता है।
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वह उड़कर आँख में पड़ जाए तो कुछ दिखाई नहीं देता।
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घास के तिनके के माध्यम से कवि ने कहना चाहा है कि कभी किसी को छोटा और कमजोर मत समझो।
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कभी पैरों तले रौंदी जानेवाली घास के तिनके की भी निंदा न कसे क्योकि यदि वह शक्ति पा ले तो तेज हवा के उड़ने पर आँख में पड़कर गहरी पीड़ा पहुंचाता है।
Solution
D.
कभी पैरों तले रौंदी जानेवाली घास के तिनके की भी निंदा न कसे क्योकि यदि वह शक्ति पा ले तो तेज हवा के उड़ने पर आँख में पड़कर गहरी पीड़ा पहुंचाता है।