स्पर्श भाग १ Chapter 3 एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल
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    NCERT Solution For Class 9 About 2.html स्पर्श भाग १

    एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल Here is the CBSE About 2.html Chapter 3 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 About 2.html एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल Chapter 3 NCERT Solutions for Class 9 About 2.html एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल Chapter 3 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 About 2.html.

    Question 1
    CBSEENHN9000461

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एवरेस्ट की तरफ़ गौर से देखते हुए, मैंने एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लुम) देखा, जो पर्वत-शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। मुझे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किलोमीटर अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता था, क्योंकि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता था। बर्फ का यह ध्वज 10 किलोमीटर या इससे भी लंबा हो सकता था। शिखर पर जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में। यह मुझे डराने के लिए काफी था, फिर भी मैं एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित थी और इसकी कठिनतम चुनौतियों का सामना करना चाहती थी।
    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो?
    (ख) एवरेस्ट की तरफ लेखिका को कौन-सा बड़ा भारी कुल दिखाई दिया?
    (ग) बर्फ का फुल किस प्रकार बनता है?
    (घ) शिखर पर चढ़ने वालों को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?



    Solution

    (क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
    (ख) एवरेस्ट की तरफ देखने पर लेखिका को बर्फ का एक बड़ा भारी फूल दिखाई दिया। यह पर्वत के शिखर पर ध्वज की तरह लहरा रहा था। वास्तव में यह तेज हवा के चलने के कारण बनता था।
    (ग) बर्फ का फूल शिखर पर 150 किलामीटर या उससे अधिक गति से हवा चलने के कारण बनता है।
    (घ) जो पर्वतारोही हिमालय पर्वत के शिखर पर चढ़ते हैं, उन्हें खराब मौसम और बर्फ के तूफान का मुकाबला करना ही पड़ता है। राह में चलते-चलते हिम की आँधी भी चलने लगती हैं। जिसके कारण जीवन खतरे में पड़ जाता है।

    Question 2
    CBSEENHN9000462

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    हिमपात अपने आपमें एक तरह से बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही था। हमें बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्‌टानें तत्काल गिर जाया करती थीं और अन्य कारणों से भी अचानक प्राय: खतरनाक स्थिति धारण कर लेती थीं। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र ख्याल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रवास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो।
    (ख) हिमपात किसे कहते हें?
    (ग) अभियान के सदस्यों को क्या बताया गया था?
    (घ) किस जानकारी ने लेखिका को भयभीत कर दिया?

    Solution

    क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
    (ख) बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना हिमपात कहलाता है।
    (ग) अभियान दल के सदस्यों को यह बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल हो जाती है, इससे बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्‌टानें तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी खतरनाक स्थिति हो जाती है।
    (घ) लेखिका को यह जानकारी मिली कि हिमपात के खतरे कोई अनहोनी नहीं हैं। ये संपूर्ण यात्रा में इसी तरह बने रहेंगे। हिमपात और हिमखंड का गिरना लगातार होता रहेगा। सभी आरोहियों और कुलियों को हिमपात की कठिनाईयाँ सहनी होंगी।

    Question 3
    CBSEENHN9000463

    निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए-
    जैसे मैं उठी, मैंने अपने हाथ जोड़े और मैं क्यने रज्जू-नेता अंगदोरजी के प्रति आदर भाव से झुकी। अंगदोरजी जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और मुझे लक्ष्य तक पहुँचाया। मैंने उन्हें बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट की दूसरी चढ़ाई चढ़ने पर बधाई भी दी। उन्होंने मुझे गले से लगाया और मेरे कानों में फुसफुसाया, ‘‘दीदी, तुमने अच्छी चढ़ाई की। मैं बहुत प्रसन्न हूँ!’’
    कुछ देर बाद सोनम पुलजर पहुंचे और उन्होंने फोटो लेने शुरू कर दिए।
    इस समय तक लहाटु ने हमारे नेता को एवरेस्ट पर हम चारों के होने की सूचना दे दी थी। तब मेरे हाथ में वॉकी-टॉकी दिया गया। कर्नल खुल्लर हमारी सफलता से बहुत प्रसन्न थे। मुझे बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा! प्र वे बोले कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा!
    प्रशन:
    (क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो?
    (ख) लेखिका ने अगंदोरजी का किस प्रकार सम्मान किया?
    (ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की क्या विशेषता थी?
    (व) कर्नल खुल्लर ने लेखिका का किस प्रकार अभिनन्दन किया?

    Solution

    (क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
    (ख) लेखिका ने अंगदोरजी के सामने आदर भाव से झुककर उनका सम्मान किया क्योंकि उसी ने लेखिका को पर्वत-शिखर पर पहुँचने के लिए प्रोत्साहित किया था।
    (ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की विशेषता यह थी कि वे बिना ऑक्सीजन लगाए पर्वत-यात्रा करते थे। उन्होंने दूसरी बार बिना ऑक्सीजन लगाए पर्वत शिखर को छूआ था।
    (घ) कर्नल खुल्लर ने लेखिका को पर्वत-शिखर छूने पर बधाई दी। उसे देश का गौरव कहा और उसकी उपलब्धि को अनूठी सफलता कहा।

    Question 4
    CBSEENHN9000464
    Question 5
    CBSEENHN9000465

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?

    Solution
    सागरमाथा शब्द से तात्पर्य है ‘सागर के माथे के समान’ तथा एवरेस्ट को सागरमाथा के नाम से जाना जाता है। यह एक स्थानीय नाम था। इसलिए लेखिका को यह नाम पसंद आया। एवरेस्ट को नेपाली भाषा में सागरमाथा नाम से जाना जाता है।
    Question 6
    CBSEENHN9000466

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?

    Solution
    एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए लेखिका को एक भारी बर्फ़ का फूल दिखा जो पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था।
    Question 8
    CBSEENHN9000468

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

    Solution
    एक शेरपा कुली की मृत्यु तथा चार के घायल होने के कारण अभियान दल के सदस्यों के चेहरे पर छाए अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए।
    Question 9
    CBSEENHN9000469

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

    Solution
    एवरेस्ट शिखर पर चढ़ाई के दौरान जलवायु अनुकूल नहीं थी। हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलावों के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हो गई।
    Question 10
    CBSEENHN9000470

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

    Solution
    कैंप-चार साउथ कोल में 29 अप्रैल को सात हजार नौ सौ मीटर की ऊँचाई पर लगाया गया था।
    Question 11
    CBSEENHN9000471

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?

    Solution
    लेखिका ने जब साउथ पोल के बेस कैंप में शेरपा कुली को देखा तो उन्होंने उसे अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिल्कुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है तथा शिखर पर पहुँचने से पहले उन्हें कोई अनुभव प्राप्त नहीं हुआ।
    Question 12
    CBSEENHN9000472

    निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
    लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?

    Solution
    लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने बधाई देते हुए कहा, ‘मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा। देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे-छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा।
    Question 13
    CBSEENHN9000473

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?

    Solution

    नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को इतना अच्छा लगा कि वह भौचक्की होकर देखती रही। उसने बेस-कैंप पहुँचने पर दूसरे दिन एवरेस्ट और उसकी अन्य श्रेणियों को देखा। वह इसके सौंदर्य को देखकर प्रभावित हुई। लहोत्से और नुत्से की ऊँचाई से घिरी बर्फीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।

    Question 14
    CBSEENHN9000474

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?

    Solution

    डॅा. मीनू मेहता ने उन्हें निम्न जानकारियाँ दीं?
    - अल्युमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का बनाना।
    - लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करना।
    - बर्फ़ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना।
    - अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
    किसी भी अनजान पथ पर जाते हुए यह जानकारी महत्वपूर्ण थी।
    पर्वतीय यात्रा से पूर्व तैयारी करनी पड़ती है। रोमांचक यात्रा खतरनाक मोड़ ले लेती है, यदि विस्तृत जानकारी न हो।

    Question 15
    CBSEENHN9000475

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
     तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?

    Solution
    तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में कहा कि वह एक पक्की पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए कठिन रोमांचक कार्य करना उनका शौक था। ऐसा लगता था कि जैसे पर्वतीय स्थानों की जानकारी उन्हें पहले से ही हो। यद्यपि एवरेस्ट का उनका पहला अभियान था। तेनजिंग का उनके कंधे पर हाथ रखकर प्रोत्साहन देना उन्हें अच्छा लगा।
    Question 16
    CBSEENHN9000476

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?

    Solution
    लेखिका को तोपसांग, तशशिं, एनडी, शेरपा और आठ अन्य शरीर से मजबूत और ऊँचाइयों में रहने वाले शेरपाओं के साथ चढ़ाई करनी थी। जय और मीनू उससे बहुत पीछे रह गए थे जबकि वह साउथ पोल कैंप पहुँच गई थी। बाद में वे भी आ गए थे। अगले दिन सुबह 6.20 वह अंगदोरजी के साथ चढ़ाई के लिए निकल पड़ी जबकि अन्य कोई भी व्यक्ति उस समय उसके साथ चलने के लिए तैयार नहीं था। अन्य पर्वतारोहियों के साथ चढ़ते हुए खतरों से जूझना उनकी आदत हो गई थी।
    Question 17
    CBSEENHN9000477

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?

    Solution
    जब लेखिका गहरी नींद में सो रही थी तभी सिर के पिछले हिस्से से कोई चीज टकराई और उसकी नींद खुल गई। कैंप के ठीक ऊपर लहोत्से ग्लेशियर से बर्फ का पिण्ड गिरा था जिसने कैंप तो तहस-नहस कर दिया था। लोपसांग ने अपनी स्विस धुरी से तंबू का रास्ता साफ किया और लेखिका के पास से बड़े-बड़े हिमखण्डों को हटाया और चारों तरफ फैली हुई कठोर बर्फ की खुदाई की। तब जाकर बाहर निकलने का रास्ता साफ हो सका। यदि थोड़ी-सी भी देर हो जाती तो उसका सीधा अर्थ था मृत्यु।

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    Question 18
    CBSEENHN9000478

    (क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    साउथ पोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरु की?

    Solution
    साउथ पोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी के लिए खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिण्डर इकट्‌ठे किए। इसके बाद लेखिका अपने दल के दूसरे साथियों की सहायता के लिए एक थरमस में जूस और दूसरे में चाय भरने के लिए नीचे उतर गई।
    Question 19
    CBSEENHN9000479

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?

    Solution
    उपनेता प्रेमचंद ने अग्रिम दल का नेतृत्व करते हुए पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से पर्वतारोहियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उनके दल ने कैंप-एक जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ कर दिया है। उन्होंने यह बताया कि पुल बनाकर, हरस्तियाँ बाँधकर तथा झंडियों से रास्ता चिन्हित कर सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया कि ग्लेशियर बर्फ की नदी है और बर्फ का गिरना अभी जारी है। हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलाव के कारण अभी तक के लिए गए सभी बदलाव व्यर्थ हो सकते हैं और हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता है।
    Question 20
    CBSEENHN9000480

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

    Solution
    बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही हिमपात बनाता है। हिमपात अनियमित और अनिश्चित होता है। इससे अनेक प्रकार के परिवर्तन आते रहते हैं। ग्लेशियर के ढहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती है। इससे बड़ी-बड़ी बर्फ़ की चट्‌टानें तुरंत गिर जाती हैं। और खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। धरातल पर दरारें पड़ जाती हैं। ये दरारें अक्सर गहरी-गहरी चौड़ी दरारों का रूप धारण कर लेती है। इस प्रकार पर्वतारोहियों की कठिनाइयाँ बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।
    Question 21
    CBSEENHN9000481

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?

    Solution
    लेखिका गहरी नींद में सोई थी कि रात में 12.30 बजे के लगभग सिर के पिछले हिस्से से किसी सख्त चीज के टकराने से नींद खुल गई। साथ ही एक जोरदार धमाका भी हुआ। सीसे लेने में कठिनाई होने लगी। एक लंबा बर्फ का पिंड कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था। उसका विशाल हिमपुंज बन गया था। हिमखंडों, बर्फ के टुकड़ों तथा जमी हुई बर्फ के इस विशालकाय पुंज ने, एक एक्सप्रैस रेलगाड़ी की तेज गति और भीषण गर्जना को भी पीछे छोड़ दिया कैंप नष्ट हो गया था। वास्तव में हर व्यक्ति को चोट लगी। यह एक आश्चर्य था कि किसी की मृत्यु नहीं हुई थी।
    Question 22
    CBSEENHN9000482

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    जय लेखिका को देखकर हक्का-बक्का क्यों रह गया?

    Solution
    जय लेखिका का पर्वतारोही साथी था। उसको भी लेखिका के साथ पर्वत-शिखर पर जाना था। शिखर कैंप पर पहुँचने में उसे देरी हो गई थी। वह सामान ढ़ोने के कारण पीछे रह गया था। इसलिए बचेन्द्री उसके लिए चाय-जूस आदि लेकर उसे रास्ते में लिवाने पहुँची। तब बर्फीली हवायें चल रहीं थीं और नीचे जाना खतरनाक था। लेखिका को जय जेनेवा स्पर की चोटी के ठीक नीचे मिला। उसने कृतज्ञतापूर्वक चाय बगैरह पी और लेखिका को आगे जाने से रोका। लेखिका कोकी से मिलना था। थोड़ा सा आगे नीचे उतरने पर लेखिका ने की को देखा। वह उसे देखकर हक्का-बक्का रह गया।
    Question 23
    CBSEENHN9000483

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए

    Solution

    एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप लगाए गए थे।
    1. बेसकैंप यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाईयों का परिचय यही दिया।
    2. कैंप एक: यह हिमपात से 6000 मीटर की ऊँचाई पर था। यहाँ हिमपात से सामान उठाकर कैंप तक लाये जाने का अभ्यास किया गया।
    3. कैंप दो: 16 मई प्रात: सभी लोग इस कैंप पर पहुँचे। जिस शेरपा की टाँग टूट गई उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया।
    4. कैंप तीन: यह ल्होत्से पहाड़ियों के गन में स्थित था। यहाँ नाइलॉन के बने तंबू में लेखिका और उसके सभी साथी सोए हुए थे। इसमें 10 व्यक्ति थे रात 12.50 बजे एक हिमखंड उन पर आ गिरा।
    5. कैंप चार: यह समुंदर के 7900 मीटर ऊपर था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए चढ़ाई की गई। यह 29 अप्रैल 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा ने लगाया था।
    6. साउथ पोल कैंप: यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू हुई।
    7. शिखर कैंप: यह पर्वत की सर्वोत्तम चोटी से ठीक नीचे स्थित है। इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुँच गया। चोटी पर पहुँचने से पहले यहीं आराम करके चाय पी ली।

    Question 24
    CBSEENHN9000484

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    चढ़ाई के समय ऐवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?

    Solution
    चढ़ाई के समय ऐवरेस्ट पर जमी बर्फ़ सीधी और ढलाऊ थी। चट्‌टानें इतनी भुरभुरी थी मानो शीशे की चादरें बिछी हों। बर्फ काटने के लिए फावड़े का प्रयोग करना पड़ा। दक्षिण शिखर के ऊपर हवा की गति बढ़ गई थी। उस ऊँचाई पर तेज हवा के झोंके झुरझुरी बर्फ के कणों को चारों ओर उड़ा रहे थे। बर्फ़ इतनी अधिक थी कि सामने कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। पर्वत की शंकु चोटी इतनी तंग थी कि दो आदमी वहां खड़े नहीं हो सकते थे। ढलान सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक थी वहाँ अपने-आप को स्थिर खड़ा करना बहुत कठिन है। इसलिए उन्होंने फावड़े से बर्फ को तोड़कर अपने टिकने योग्य स्थान बनाया।
    Question 25
    CBSEENHN9000485

    (ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बबचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?

    Solution
    सम्मिलित अभियान में सहयोग और सहायता की भावना का परिचय लेखिका के इस काम से मिलता है। लेखिका ने अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने को निश्चय किया इसके लिए उसने एक थरमस को जूस से तथा दूसरे को गरम चाय से भरकर बर्फीली हवा में तंबू से बाहर निकली और नीचे उतरने लगी। जय ने उसके इस प्रयास को खतरनाक बताया तो बचेंद्री ने जवाब दिया 'मैं भी औरों की तरह पर्वतारोही हूँ इसलिए इस दल में आई हूँ। शारीरिक रूप से ठीक हूँ। इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए?’ यह भावना उसकी सहयोगी प्रवृत्ति को दर्शाती है।
    Question 26
    CBSEENHN9000486

    (ग) निन्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
    एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

    Solution
    आशय - यह शब्द कर्नल खुल्लर ने अभियान दल के सदस्यों को कहे थे। जिनका आशय था कि एवरेस्ट पर पहुँचना एक महान अभियान है जिसमें खतरे तो रहते ही हैं। कभी-कभी किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है। इसमें कदम-कदम पर जान जाने का खतरा होता है। यदि ऐसा कठिन कार्य करते हुए मृत्यु भी हो जाए तो उसे स्वाभाविक घटना के रूप में लेना चाहिए। बहुत हाय तौबा नहीं मचानी चाहिए। क्योंकि ऐसे महान अभियानों में यह भी संभव है।
    Question 27
    CBSEENHN9000487

    (ग) निन्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
    सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र ख्याल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

    Solution
    आशय-हिमपात का अव्यवस्थित ढंग से गिरना स्वयं में डरावना था। धरातल में दरार पड़ती है। हिमपात और ग्लेशियर के बहने से बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्‌टानों के गिरने की बात सुनकर लेखिका को यह सुनना तो और भी भयभीत करने वाला लग रहा था कि इन बड़ी-बड़ी बर्फ़ की चट्‌टानों के गिरने से कई बार धरातल पर ये दरारें बहुत गहरी और चौड़ी बर्फ़ से ढकी हुई गुफाओं में बदल जाती थीं जिनमें धँसकर मनुष्य का जीवित रहना संभव नहीं था। इसके अतिरिक्त उसे यह जानकारी तो और भी अधिक भयानक लगी कि इनके सारे अभियान में यह हिमपात लगभग एक दर्जन पर्वतारोहियों और कुलियों का प्रतिदिन प्रभावित करता रहेगा। उन्हें इसका सामना करना पड़ेगा।
    Question 28
    CBSEENHN9000488

    (ग) निन्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
    बिना उठे ही मैने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया? आनदं के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।

    Solution
    आशय-लेखिका एवरेस्ट शंकु की चोटी पर पहुँचने वाली प्रथम महिला थी। वह अपने साहस और हिम्मत से अपनी निर्धारित मंजिल तक पहुँच गई थी। वहाँ दो व्यक्तियों का इकट्‌ठे खड़े होना असंभव था। बर्फ़ के फावड़े से खुदाई करके उन्होंने अपने आपको सुरक्षित कर लिया। घुटनों के बल बैठकर सागरमाथा के ताज को चूम लिया। पूजा-अर्चना करते हुए लाल कपड़े में दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा लपेटी। बर्फ़ में उसे दबाया व माता-पिता का स्मरण करने लगी। यह लेखिका के लिए अत्यन्त गौरव का क्षण था। उन्हें आज भी एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में पहचाना जाता है।
    Question 29
    CBSEENHN9000489

    इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का सदंर्भ देकर कीजिए:
    निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौसिखिया

    Solution

    निहारा है-प्रसन्नतापूर्वक देखा है।
    लेखिका ने नमचे बाज़ार में पहुँचकर सबसे पहले एवरेस्ट को देखा था वह उसे देखते ही उसके सौंदर्य पर मुग्ध हो गई। इसलिए लेखिका इसे मात्र देखा न कहकर ‘निहारा’ करती है।
    धसकना-नीचे को धँसना।
    जब धरती का कुछ हिस्सा नीचे की ओर दब जाता है उसे धसकना कहते हैं।
    खिसकना-अपनी जगह से हटकर परे चले जाना।
    हिमपात से बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्‌टानें खिसक जाती हैं।
    सागरमाथा-संसार का सबसे ऊँचा स्थान।
    जिस स्थान ने बचेंद्री पाल ने हिमालय की चढ़ाई आरंभ की, वह स्थान समुद्र तल का सर्वोच्च स्थान है। इसलिए उसे सागरमाथा ठीक ही कहा गया है।
    नौसिखिया-अनजान।
    तेनजिंग के सामने बचेंद्री पाल ने स्वयं को नौसिखिया पर्वतारोही कहा।

     
    Question 30
    CBSEENHN9000490

    निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम चिहनों का प्रयोग कीजिए-
    (क) उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए !
    (ख) क्या तुम भयभीत थीं!
    (ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री!


    Solution

    (क) उन्होंने कहा, ‘‘तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”
    (ख) क्या तुम भयभीत हो!
    (ग) ‘तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली? बचेंद्री।

    Question 31
    CBSEENHN9000491

    नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
    उदाहरण: हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था।
    टेढ़ी-मेढ़ी,                           हक्का-बक्का
    गहरे-चौड़े                           इधर-उधर
    आस-पास                           लंबे-चौड़े।

    Solution
    टेढ़ी-मेढ़ी  - पहाड़ों पर सड़कें टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं।
    गहरे-चौड़े - बर्फ़ के बड़े ग्लेशियर गिरने से गहरे-चौड़े गड्‌ढे पड़ गये थे।
    आस-पास - हमारे विद्यालय के आस-पास बहुत हरियाली है।
    हक्का-बक्का - अपने माता-पिता को पार्टी में आया देखकर सुधा हक्की-बक्की रह गई।
    इधर-उधर-चोरी पकड़े जाने पर रमेश इधर-उधर सहायता के लिए देखने लगा।
    लंबे-चौड़े - नेता लोग वादे तो लंबे-चौड़े करते है परन्तु उनमें से एक भी पूरा नहीं करते।
    Question 32
    CBSEENHN9000492

    उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए-
    उदाहरण:     अनुकूल - प्रतिकूल
    नियमित - ..............विख्यात - ............
    आरोही - .............. निश्चित - ...............
    सुन्दर- ..............

    Solution

    नियमित - अनियमित             विख्यात - कुख्यात
    आरोही - अवरोही                निश्चित - अनिश्चित
    सुंदर - असुंदर

    Question 33
    CBSEENHN9000493

    निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए-
    जैसे:   पुत्र -सुपुत्र
    वास, व्यवस्थित, कुल, गति, रोहण, रक्षित

    Solution

    वास - प्रकस
    व्यवस्थित - सुव्यवस्थित
    कूल - प्रतिकूल, अनुकूल
    गति - प्रगति
    रोहण - आरोहण
    रक्षित - आरक्षित

    Question 35
    CBSEENHN9000495

    इस पाठ में आए दस अंग्रेजी शब्दों का चयन कर उनका अर्थ लिखिए 

    Solution

    1. बेस कैंप           2. एवरेस्ट                        3. किलोमीटर
    4. ग्लेशियर           5. वॉकी-टॉकी                   6. साउथ
    7. कुकिंग गैस        8. स्ट्रेचर                         9. थरमस
    10. नाइलॉन

    Question 36
    CBSEENHN9000496

    पर्वतारोहण से सबंधित दस चीजों के नाम लिखिए।

    Solution

    1 लट्ठे         2. थरमस                   3. तंबू
    4. धुरी      5. वॉकी-टॉकी                6. ऑक्सीजन
    7. फावड़ा   8. ऑक्सीजन की सीढ़ी      9. इंडिया
    10. नाइलॉन की रस्सी

    Question 37
    CBSEENHN9000497

    पर्वतारोहियों को हिमपात के कारण क्या-क्या परेशानियाँ उठानी पड़ती?

    Solution
    हिमालय के पर्वतारोहियों को हिमपात के कारण पग-पग पर परेशानियाँ उठानी पड़ती है। हिमपात के कारण भूस्खलन हो सकता है। चट्‌टानें खिसककर नीचे गिर सकती है। यात्री बर्फ़ के नीचे दबकर मर सकते है। वातावरण में बर्फ़ की आंधी चलने लगती है। उसके कारण कुछ भी दिखना बंद हो जाता है। हिमपात के रास्ते में लगाए गए निशान, इंडियों तथा रास्ते तक नष्ट हो जाते हैं। कभी-कभी यात्रियों के तंबू तक नष्ट हो जाते है।
    Question 38
    CBSEENHN9000498

    बेस कैंप से लेखिका ने किसे निहारा?

    Solution
    एवरेस्ट शिखर को लेखिका ने पहले दो बार देखा था, लेकिन एक दूरी से। बेस कैंप पहुंचने पर दूसरे दिन उसने एवरेस्ट पर्वत तथा इसकी अन्य श्रेणियों को देखा। वह भौंचक्की होकर खड़ी रह गई और एवरेस्ट, होत्से और नुत्से की ऊंचाइयों से घिरी, बर्फीली, टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
    Question 39
    CBSEENHN9000499

    ल्हादू कौन था? उसकी भूमिका क्या थी?

    Solution
    ल्हादू पर्वतारोही दल का महत्त्वपूर्ण सहायक था। वह नाइलॉन की रस्सी लेकर साथ साथ चला। उसी ने रस्सी के सहारे चलने का प्रबन्ध किया। इसलिए लंबे समय तक बर्फ में रहने के कारण उस के पांव ठंडे पड़ जाते थे। फिर भी वह ऑक्सीजन लगाकर यात्रा नहीं करता था। वह दिन-ही-दिन में यात्रा करके वापस आना ठीक समझता था। वह कर्मठ और विश्वस्त पर्वतारोही था।

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