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एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल

Question
CBSEENHN9000481

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?

Solution
लेखिका गहरी नींद में सोई थी कि रात में 12.30 बजे के लगभग सिर के पिछले हिस्से से किसी सख्त चीज के टकराने से नींद खुल गई। साथ ही एक जोरदार धमाका भी हुआ। सीसे लेने में कठिनाई होने लगी। एक लंबा बर्फ का पिंड कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था। उसका विशाल हिमपुंज बन गया था। हिमखंडों, बर्फ के टुकड़ों तथा जमी हुई बर्फ के इस विशालकाय पुंज ने, एक एक्सप्रैस रेलगाड़ी की तेज गति और भीषण गर्जना को भी पीछे छोड़ दिया कैंप नष्ट हो गया था। वास्तव में हर व्यक्ति को चोट लगी। यह एक आश्चर्य था कि किसी की मृत्यु नहीं हुई थी।

Some More Questions From एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल Chapter

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हिमपात अपने आपमें एक तरह से बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही था। हमें बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्‌टानें तत्काल गिर जाया करती थीं और अन्य कारणों से भी अचानक प्राय: खतरनाक स्थिति धारण कर लेती थीं। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र ख्याल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रवास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो।
(ख) हिमपात किसे कहते हें?
(ग) अभियान के सदस्यों को क्या बताया गया था?
(घ) किस जानकारी ने लेखिका को भयभीत कर दिया?

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जैसे मैं उठी, मैंने अपने हाथ जोड़े और मैं क्यने रज्जू-नेता अंगदोरजी के प्रति आदर भाव से झुकी। अंगदोरजी जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और मुझे लक्ष्य तक पहुँचाया। मैंने उन्हें बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट की दूसरी चढ़ाई चढ़ने पर बधाई भी दी। उन्होंने मुझे गले से लगाया और मेरे कानों में फुसफुसाया, ‘‘दीदी, तुमने अच्छी चढ़ाई की। मैं बहुत प्रसन्न हूँ!’’
कुछ देर बाद सोनम पुलजर पहुंचे और उन्होंने फोटो लेने शुरू कर दिए।
इस समय तक लहाटु ने हमारे नेता को एवरेस्ट पर हम चारों के होने की सूचना दे दी थी। तब मेरे हाथ में वॉकी-टॉकी दिया गया। कर्नल खुल्लर हमारी सफलता से बहुत प्रसन्न थे। मुझे बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा! प्र वे बोले कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा!
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो?
(ख) लेखिका ने अगंदोरजी का किस प्रकार सम्मान किया?
(ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की क्या विशेषता थी?
(व) कर्नल खुल्लर ने लेखिका का किस प्रकार अभिनन्दन किया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?