Question
निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जैसे मैं उठी, मैंने अपने हाथ जोड़े और मैं क्यने रज्जू-नेता अंगदोरजी के प्रति आदर भाव से झुकी। अंगदोरजी जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और मुझे लक्ष्य तक पहुँचाया। मैंने उन्हें बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट की दूसरी चढ़ाई चढ़ने पर बधाई भी दी। उन्होंने मुझे गले से लगाया और मेरे कानों में फुसफुसाया, ‘‘दीदी, तुमने अच्छी चढ़ाई की। मैं बहुत प्रसन्न हूँ!’’
कुछ देर बाद सोनम पुलजर पहुंचे और उन्होंने फोटो लेने शुरू कर दिए।
इस समय तक लहाटु ने हमारे नेता को एवरेस्ट पर हम चारों के होने की सूचना दे दी थी। तब मेरे हाथ में वॉकी-टॉकी दिया गया। कर्नल खुल्लर हमारी सफलता से बहुत प्रसन्न थे। मुझे बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा! प्र वे बोले कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा!
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो?
(ख) लेखिका ने अगंदोरजी का किस प्रकार सम्मान किया?
(ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की क्या विशेषता थी?
(व) कर्नल खुल्लर ने लेखिका का किस प्रकार अभिनन्दन किया?
Solution
(क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
(ख) लेखिका ने अंगदोरजी के सामने आदर भाव से झुककर उनका सम्मान किया क्योंकि उसी ने लेखिका को पर्वत-शिखर पर पहुँचने के लिए प्रोत्साहित किया था।
(ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की विशेषता यह थी कि वे बिना ऑक्सीजन लगाए पर्वत-यात्रा करते थे। उन्होंने दूसरी बार बिना ऑक्सीजन लगाए पर्वत शिखर को छूआ था।
(घ) कर्नल खुल्लर ने लेखिका को पर्वत-शिखर छूने पर बधाई दी। उसे देश का गौरव कहा और उसकी उपलब्धि को अनूठी सफलता कहा।