क्षितिज भाग १ Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर
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    NCERT Solution For Class 9 Social+science क्षितिज भाग १

    चंद्र गहना से लौटती बेर Here is the CBSE Social+science Chapter 14 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 Social+science चंद्र गहना से लौटती बेर Chapter 14 NCERT Solutions for Class 9 Social+science चंद्र गहना से लौटती बेर Chapter 14 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 Social+science.

    Question 1
    CBSEENHN9001390

    'इस विजन में ..... अधिक है'- पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?

    Solution

    इन पंक्तियों के द्वारा कवि ने शहरीय स्वार्थपूर्ण रिश्तों पर प्रहार कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। कवि के अनुसार नगर के लोग आपसी प्रेमभाव के स्थान पर पैसों को अधिक महत्त्व देते हैं। वे प्रेम और सौंदर्य से दूर, प्रकृति से कटे हुए होते हैं। उनके अंदर स्वार्थपन काफी होता है। इसके विपरीत गाँव के लोगो के बीच सच्चा प्रेम और साहनुभूति है। कवि के आक्रोश का मुख्य कारण उसका प्रकृति से बहुत अधिक लगाव हैं।

    Question 2
    CBSEENHN9001391

    सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?

    Solution

    यहाँ सरसों के सयानी से कवि यह कहना चाहता है कि सरसों की फसल अब पूरी तरह तैयार हो चूकी है अर्थात् वह परिपक्व होकर कटने को पूरी तरह तैयार है।

    Question 3
    CBSEENHN9001392

    अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।

    Solution

    कवि ने अलसी को एक सुंदर नायिका के रुप में चित्रित किया है। उसका शरीर पतला और कमर लचीली है। उसका चित्त अति चंचल और प्रेमातुर है। वह अपने सिर पर नीले फूल लगाकर यह सन्देश दे रही है कि प्रथम स्पर्श करने वाले को हृदय से अपना स्वामी मानेगी। वह सभी को प्रेम का निमंत्रण दे रही है।

    Question 4
    CBSEENHN9001393

    अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?

    Solution

    कवि ने 'अलसी' के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि उसने हठ कर रखा है कि वह अपना दिल उसे ही देगी जो उसके सिर पर रखे नीले फूल को छुएगा। दूसरा, वह चने के पौधों के बीच इस प्रकार उग आई है मानों ज़बरदस्ती वह सबको अपने अस्तित्व का परिचय देना चाहती है। तीसरा, वह हवा के ज़ोर से बार-बार नीचे झुक जाती है परन्तु फिर वह नीला फूल सिर पर रख खड़ी हो जाती है।

    Question 5
    CBSEENHN9001394

    'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?

    Solution

    'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' इस पंक्ति में कवि ने मानव प्रकृति का अति सूक्ष्म वर्णन किया है। यहाँ पर 'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' नगरीय सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन से है। इन पंक्तियों के द्वारा कवि यह कहना चाह रहा है कि सभी कुछ पाने के बाद भी मानव की इच्छाएँ कभी ख़त्म नहीं होती हैं।

     

     

    Question 6
    CBSEENHN9001395

    कविता के आधार पर 'हरे चने' का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।

    Solution

    कवि ने यहाँ पर चने का मानवीयकरण किया है। 'हरे चने' का पौधा आकार में बहुत छोटा अर्थात् ठिगना है। उसने अपने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी पहन रखी है जैसे कोई दूल्हा सज धज कर स्वयंवर के लिए खड़ा हो।

    Question 7
    CBSEENHN9001396

    कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?

    Solution

    कविता की कुछ पंक्तियों में कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है; जैसे-
    (1) यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरैठा शीश पर
         छोटे गुलाबी फूल का, सज कर खड़ा है।

    (2) पास ही मिल कर उगी है, बीच में अलसी हठीली।
         देह की पतली, कमर की है लचीली, 
         नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर
         कह रही है, जो छुए यह दूँ हृदय का दान उसको।
    (3) और सरसों की न पूछो-हो गई सबसे सयानी, हाथ पीले कर लिए हैं,
          ब्याह-मंडप में पधारी।
    (4)   हैं कई पत्थर किनारे, पी रहे चुपचाप पानी।


    Question 8
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    कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है -
    और चारों तरफ़ सुखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।

    Solution

    चित्रकूट की अनगढ़ चौड़ी
    कम ऊँची-ऊँची पहाड़ियाँ
    दूर दिशाओं तक फैली हैं।
    बाँझ भूमि पर
    इधर-उधर रींवा के पेड़
    काँटेदार कुरूप खड़े हैं।
    सुन पड़ता है
    मीठा-मीठा रस टपकाता
    सुग्गे का स्वर
    टें टें टें टें ;
    इन पंक्तियो से उल्लेखित भाव व्यंजित होते हैं। 

    Question 9
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    'और सरसों की न पूछो' - इस उक्ति में बात को कहने का खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?

     

    Solution

    एक वस्तु की बात करते हुए दूसरे वस्तु के बारे में बताने के लिए हम इस शैली का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार की शैली का प्रयोग वस्तु की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित करने और किसी की प्रशंसा करने के लिए किया जाता है।

    Question 10
    CBSEENHN9001399

    काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?

    Solution

    काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया यहाँ पर दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है। कुछ लोग बाहर से समाज के शुभचिंतक दिखाई पढ़ते है पर अंदर से समाज का शोषण करने की सोच रखते है। चिड़िया के उदाहरण द्वारा कवि ने समाज सुधारकों का वास्तविक रूप प्रकट करने की कोशिश की है।  

    Question 11
    CBSEENHN9001400
    Question 12
    CBSEENHN9001401

    कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानस-पटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।

    Solution

    1. हृदय का दान-(अधिक मूल्यवान वस्तु किसी को दे देना) बेटी को विदा करते समय उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने अपने हृदय का दान कर दिया हो।
    2. गले में डालना - (जल्दी से खाना)- मालिक को आता देख मजदूरों ने रोटियाँ गले में डाल लीं।
    3. पैरों के तले -(छोटी वस्तु) पूँजीपति वर्ग समाज के लोगों को अपने पैरों के तले रखते हैं।
    4. सिर पर चढ़ाना -(अधिक लाड़-प्यार करना) सोहन के माता - पिता ने अपने बेटे को अधिक प्यार देकर  सर पर चढ़ा दिया।
    5. बीता -भर (छोटा-सा)- बीता भर की दिखने वाली यह लड़की, और बातें तो देखो इतनी बड़ी-बड़ी करती है।
    6. प्यास न बुझना -(संतुष्ट न होना) इतना धन होने के बाद भी अभी तक उसकी धन की प्यास नहीं बुझी।

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