कविता के आधार पर 'हरे चने' का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
कवि ने यहाँ पर चने का मानवीयकरण किया है। 'हरे चने' का पौधा आकार में बहुत छोटा अर्थात् ठिगना है। उसने अपने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी पहन रखी है जैसे कोई दूल्हा सज धज कर स्वयंवर के लिए खड़ा हो।