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चंद्र गहना से लौटती बेर

Question
CBSEENHN9001391

सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?

Solution

यहाँ सरसों के सयानी से कवि यह कहना चाहता है कि सरसों की फसल अब पूरी तरह तैयार हो चूकी है अर्थात् वह परिपक्व होकर कटने को पूरी तरह तैयार है।

Some More Questions From चंद्र गहना से लौटती बेर Chapter

सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?

अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।

अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?

'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?

कविता के आधार पर 'हरे चने' का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।

कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?

कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है -
और चारों तरफ़ सुखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।

'और सरसों की न पूछो' - इस उक्ति में बात को कहने का खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?

 

काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?

बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।