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“ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।”
• लेखक को ऐसा क्यों लगा?
बस, वश, बस तीन शब्द हैं - इनमें बस सवारी के अर्थ मैं, वश अधीनता के अर्थ मैं, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो।
• उपर्युक्त वाक्य के समान तीनों शब्दों से युक्त आप भी दो-दो वाक्य बनाइए।
1. (क) बस चलते ही ठंडी हवा के झोंके आने लगे।
(ख) बस चली और हमने राहत की साँस ली।
2. (क) ईश्वर की करनी मनुष्य के वश में नहीं।
(ख) आजकल औलाद पर माता-पिता का वश नहीं चलता।
3. (क) बस करो, कितना खाओगे?
(ख) अरे भई! अब बस भी करो, कितनी बहस करोगे।
कारक शब्द से निर्मित वाक्य-
1. पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।
2. यह बस पूजा के योग्य थी।
3. बस कंपनी के एक हिस्सेदार भी उसी बस में जा रहे थे।
4. नई नवेली बसों से ज्यादा विश्वसनीय है।
• कि योजक शब्द से बनने वाले वाक्य-
1 लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।
2. हमें लग रहा था कि हमारी सीट के नीचे इंजन है।
3. कभी लगता कि सीट को छोड्कर बॉडी आगे भागी जा रही है।
4. मालूम हुआ कि पेट्रोल की टंकी में छेद हुआ है।
गति के प्रयुक्त होने वाले शब्द-
दौड़ना-मुझे तेज दौड़ना अच्छा लगता है।
चलना-बुढ़ापे के कारण बुढ़िया का चलना मुश्किल था।
टहलना-हमें रोज हरी घास पर टहलना चाहिए।
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B.
एक वयोवृद्धा की भाँतिB.
क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी।B.
बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे।C.
क्योंकि बस अपनी जर्जर अवस्था के कारण कहीं भी धोखा दे सकती थी।B.
क्योंकि वह लेखक को एक बूढ़ी महिला की भाँति लगी।B.
जिस प्रकार असहयोग आंदोलन में लोग पहले, गाँधीजी का साथ नहीं दे रहे थे वैसे ही बस के सभी पुर्जे भी मिलकर नहीं चल रहे थे।C.
बस की सीटें इतनी खराब थी कि बस चलने पर यह समझ पाना कठिन था कि वे सीटें पर बैठे है या सीटें उन पर।Sponsor Area
B.
क्योंकि उसने सोच लिया था कि कभी भी बस का ब्रेक फेल हो सकता है या स्टीरिंग टूट सकता है।A.
चांदनी रोशनी में पेड़ों की छाया के नीचेB.
उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह आगे का सफर तय करने के काबिल न थी।B.
उन्हें ऐसा लग रहा था कि बस एक वृद्धा है और हम उसमें बैठकर उसे सता रहे हैं।C.
उसे लगा कि यदि इस वृद्धा का देहांत हो गया तो क्रिया-कर्म इसी जंगल में करना पड़ेगा अर्थात् यदि यहाँ बस ठस्स हो गई तो इसके पुर्जे भी हाथ न आएँगे।B.
जिस प्रकार क्रांतिकारी एक उद्देश्य से बढ़ते हैं वैसे ही बस का हिस्सेदार भी किसी की परवाह किए बिना केवल बस को चलाने व लाभ कमाने के उद्देश्य से प्रेरित था।Sponsor Area
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