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तिथि के हिसाब से इन सबको क्रम दें :
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
'ASEAN way' या आसियान शैली क्या है?
आसियान के सदस्य देशों की जीवन शैली है।
आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज की शैली को कहा जाता है।
आसियान सदस्यों की रक्षानीति है।
सभी आसियान सदस्य देशों को जोड़ने वाली सड़क है।
B.
आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज की शैली को कहा जाता है।
खाली स्थान भरें:
1962 में भारत और चीन के बीच................ और ................ को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।
अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों
,लद्दाख के अक्साई चीन क्षेत्र
खाली स्थान भरें:
आसियान क्षेत्रीय मंच के कामों में ............. और................ करना शामिल है।
सामाजिक, आर्थिक उन्नति
,शांति व्यवस्था कायम
रिक्त स्थान भरें:
............. आसियान का एक स्तम्भ है जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले देखता है।
आसियान सुरक्षा समुदाय
क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य क्या हैं?
दूसरे विश्व युद्ध के पश्चात अमेरिका और सोवियत संघ दो महाशक्तियाँ उभरकर सामने आई और उनकी आपस की स्पर्धा के कारण संसार में असुरक्षा, अशांति, भय तथा तनाव का वातावरण बना रहा। इसी प्रकार सोवियत संघ विघटन के बाद अमेरिकी वर्चस्व शांति के लिए खतरा साबित हुआ। इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए विश्व के देश अपने क्षेत्रीय संगठन बनाते हैं।
क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं:
भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर क्या असर होता है?
'आसियान विजन - 2020' की मुख्य बातें क्या हैं?
'आसियान विजन- 2020' की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
आसियान समुदाय के मुख्य स्तंभों और उनके उद्देश्यों के बारे में बताएँ।
2003 में आसियान ने आसियान सुरक्षा समुदाय, आसियान आर्थिक समुदाय और आसियान सामाजिक- सांस्कृतिक-समुदाय नामक तीन स्तम्भों के आधार पर आसियान समुदाय बनाने की दिशा में कदम उठाए जो कुछ हद तक यूरोपीय संघ से मिलता-जुलता है।
आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से किस तरह अलग है?
इसमें कोई दोराहे नहीं कि आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से बिलकुल भिन्न हैं। आर्थिक शक्ति के रूप में चीन के उदय को विश्व भर में चीन की दीवार व ड्रैगन के रूप में देखा जाता है। अपनी तेज़ आर्थिक वृद्धि के कारण चीन जहाँ विश्व की शक्ति का तीसरा बड़ा केंद्र बन रहा हैं,वही चीन की निरंतर आर्थिक वृद्धि को देखकर विशेषज्ञों का मानना हैं की 2040 तक वह दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति, अमरीका से भी आगे निकल जाएगा।
सन् 1970 के दशक एवं उसके बाद से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसके परिणामस्वरूप चीनी अर्थव्यवस्था विश्व की एक महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हुई। चीन द्वारा किए गए आर्थिक प्रयासों को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता हैं:
क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चीन एक ऐसी जबरदस्त आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है कि सभी उसका लोहा मानने लगे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था का बाहरी दुनिया से जुड़ाव और पारस्परिक निर्भरता ने अब यह स्थिति बना दी है कि अपने व्यावसायिक साझीदारों पर चीन का जबरदस्त प्रभाव बन चुका है और यही कारण है कि जापान, अमरीका, आसियान और रूस सभी व्यापार के आगे चीन से बाकी विवादों को भुला चुके हैं।
यूरोपीय संघ को क्या चीजें एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती हैं।
यूरोपीय संघ को एक प्रभावशाली क्षेत्रीय संगठन बनाने में कई बातों का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है, जिनका वर्णन निम्नलिखित हैं:
चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने तर्कों से अपने विचारों को पुष्ट करें।
आज यह तर्क लोगों के द्वारा दिया जाता है कि भारत और चीन उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में मौजूद एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की पूरी क्षमता रखते हैं। इस विचार के समर्थन में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं:
मुल्कों की शांति और समृद्धि क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों को बनाने और मजबूत करने पर टिकी है। इस कथन की पुष्टि करें।
भारत और चीन के बीच विवाद के मामलों की पहचान करें और बताएँ कि वृहत्तर सहयोग के लिए इन्हें कैसे निपटाया जा सकता है। अपने सुझाव भी दीजिए।
भारत और चीन के बीच विवाद के मामले निम्नलिखित है:
वृहत्तर सहयोग के लिए भारत-चीन मतभेदों को निपटाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
दोनों देशों की सरकारें बातचीत के द्वारा हर समस्या का समाधान निकाल सकती हैं। दोनों ही देश की एक जैसी अनेक समस्याओं जैसे जनसंख्या वृद्धि, बेरोज़गारी, निबंध भौतिक जीवन स्तर आदि से जूझ रहे हैं। दोनों ही देश एक-समान समस्याओं से ग्रस्त हैं जिसे आपसी बातचीत द्वारा सुझाया जाना चाहिए।
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किस तरह यूरोपीय देशों ने युद्ध के बाद की अपनी परेशानियाँ सुलझाई? संक्षेप में उन कदमों की चर्चा करें जिनसे होते हुए यूरोपीय संघ की स्थापना हुई।
यूरोपीय संघ की स्थापना दूसरे विश्व युद्ध का परिणाम कही जा सकती हैं। 1945 तक यूरोपीय देशों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं की बर्बादी तो झेली ही, उन मान्यताओं और व्यवस्थाओं को ध्वस्त होते भी देख लिया जिन पर यूरोप खड़ा हुआ था। अत: यूरोप के नेताओं ने निम्न तरीकों से अपनी परेशानियों को सुलझाया:
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