लोकतांत्रिक राजनीति 1 Chapter 3 संविधान निर्माण
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    NCERT Solution For Class 9 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति 1

    संविधान निर्माण Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 3 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान संविधान निर्माण Chapter 3 NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान संविधान निर्माण Chapter 3 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 सामाजिक विज्ञान.

    Question 1
    CBSEHHISSH9009371
    Question 2
    CBSEHHISSH9009372

    नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं हर एक में की गई गलती पहचानें और अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।
    भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य की संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत थे।

    Solution

    भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्यों की संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमती नहीं थी बल्कि उनकी अलग-अलग धारणाएँ थी।

    Question 4
    CBSEHHISSH9009374

    नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं। हर एक में की गई गलती पहचानें और अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।
    संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।

    Solution

    संविधान लोगों की इच्छा और समाज के बदलावों के अनुरूप होना चाहिए इसलिए संविधान में संसोधन की व्यवस्था होती है।

    Question 7
    CBSEHHISSH9009377

    संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ।

    A. मोतीलाल नेहरु (i) संविधान सभा के अध्यक्ष
    B. बी. आर. अंबेडकर (ii) संविधान सभा के सदस्य
    C. राजेंद्र प्रसाद (iii) प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
    D. सरोजिनी नायडू (iv) 1928 में भारत का संविधान बनाया

    Solution

    A.

    मोतीलाल नेहरु

    (i)

    1928 में भारत का संविधान बनाया

    B.

    बी. आर. अंबेडकर

    (ii)

    प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष

    C.

    राजेंद्र प्रसाद

    (iii)

    संविधान सभा के अध्यक्ष

    D.

    सरोजिनी नायडू

    (iv)

    संविधान सभा के सदस्य

    Question 8
    CBSEHHISSH9009378

    जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्‍नों का जवाब दें: 
    नेहरू ने क्यों कहा था कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है?

     

    Solution

    नेहरू ने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि उनके अनुसार एक राष्ट्र के निर्माण का कार्य बहुत बड़ा कार्य होता है, जो एक के जीवनकाल में पूरा नहीं किया जा सकता था और इस कार्य को पूरी निष्ठा के साथ करने के लिए आराम को त्यागना होगा।

    Question 9
    CBSEHHISSH9009379

    जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्‍नों का जवाब दें:
    वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?

    Solution

    वे संविधान निर्माताओं से यह शपथ चाहते थे कि वे भारत के संसाधनों और जनता की सेवा तथा मानवता में खुद को समर्पित कर दे। 

    Question 11
    CBSEHHISSH9009381

    हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।   

    A. संप्रभु (i) सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
    B. गणतंत्र   (ii) फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
    C. बंधत्व     (iii) शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
    D. धर्मनिरपेक्ष (iv) लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए। 

    Solution

    A.

    संप्रभु

    (i)

    फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।

    B.

    गणतंत्र  

    (ii)

    शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।

    C.

    बंधत्व    

    (iii)

    लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए। 

    D.

    धर्मनिरपेक्ष

    (iv)

    सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।

    Question 12
    CBSEHHISSH9009382

    कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र से वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संसोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज़्यादा अधिकार, दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधानसभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पात्र लिखें।   

    Solution

    इस संबंध में हमारे सामने निम्नलिखित विचार है:  
    (i) नेपाल में सबसे बढ़िया तरीका निर्वाचित प्रतिनिधि को सभी शक्तियाँ देना है। इंग्लैंड की तरह, नेपाल के राजा को राज्य का संवैधानिक प्रमुख बनाया जाना चाहिए।

    (ii) कार्यकारी की वास्तविक शक्तियों को प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट के पास निहित होना चाहिए। संसद के लिए कैबिनेट जिम्मेदार होना चाहिए।

    (iii) न्यायपालिका स्वतंत्र होना चाहिए। न्यायपालिका को सविधान के लिए दुभाषिया तथा लोगों के मूलभूत अधिकारों के लिए संरक्षक की भूमिका निभानी चाहिए ।

     

     

    Question 13
    CBSEHHISSH9009383

    भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्पूर्ण कारण मानते हैं?

    अंग्रेज़ शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के ज़रिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।

    Solution

    इस कारक के योगदान को कॉफी हद तक स्वीकार किया जा सकता है।  हालाँकि इससे अंग्रेज़ों की देन नहीं माना जा सकता है। यह सच है की यदि हमें पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होता तो भारत जैसे विशाल देश में आरंभिक दौर में लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना बहुत ही कठिन होती।       

    Question 14
    CBSEHHISSH9009384

    भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्पूर्ण कारण मानते हैं?

    हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आज़ादी न दिए जाने का विरोध किया।  ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।   

    Solution

    भारत में राष्ट्रवाद के विचार को फैलाने में स्वतंत्रता संग्राम महत्वपूर्ण था।

    यह कथन सच है क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ था। भारतीयों को सीमित अधिकार दिए गए थे और प्रतिबंधित थे।

    इसलिए, स्वतंत्रता से पहले यह स्पष्ट था कि भारत आजादी के बाद एक लोकतांत्रिक देश होगा।

    Question 15
    CBSEHHISSH9009385

    भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्पूर्ण कारण मानते हैं?

    हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। 

    Solution

    यह कथन सही है। हमारे नेता लोकतांत्रिक संस्थानों और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध थे।
    भारत में लोकतंत्र पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. आंबेडकर, डॉ राजिंदर प्रसाद, सरदार पटेल इत्यादि, के महान नेतृत्व के कारण सफल रहा है।

    Question 16
    CBSEHHISSH9009386

    1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें-
    'ईश्वर ने औरत जाती को शारीरिक तथा भावनात्मक दोनों ही तरह से ज़्यादा नाज़ुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने उन्हें जीवन भर पुरषों के सरंक्षण में रहने का भाग्य दिया उन्हें दिया है - कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।' क्या इस अनुछेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?

    Solution

    उपरोक्त पाठ्यांश में व्यक्त मूल्य संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं।
    इसमें मनुष्य की श्रेष्ठता और प्रभुत्व पर अधिक जोर दिया गया है। यह हमारे संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है, हमारे संवैधानिक मूल्य समानता के सिद्धांत पर आधारित है। संविधान के अनुसार पुरुष और महिला दोनों समान हैं। सेक्स के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

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    Question 18
    CBSEHHISSH9009388

    निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए। 

    संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है। 

    Solution

    यह कथन सही हैं, क्योंकि हमारे संविधान में सरकार के तीनों अंगों - विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संगठन तथा शक्ति की विस्तृत चर्चा की गई है।   

    Question 19
    CBSEHHISSH9009389

    निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए। 

    नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।

    Solution

    यह कथन सत्य हैं, क्योंकि हमारे संविधान में नागरिकों को दिए गए विभिन्न मौलिक अधिकारों के लिए उपबंध किए गए हैं।
    भारत में, संविधान का भाग III मूलभूत अधिकारों से संबंधित है।

    Question 20
    CBSEHHISSH9009390

    निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।

    संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।  

    Solution

    यह कथन गलत है, क्योंकि संविधान जिन मूल्यों पर आधारित है उनकी चर्चा संविधान की प्रस्तावना में की गयी है तथा प्रस्तावना हमारे संविधान का हिस्सा है।

    Question 21
    CBSEHHISSH9009639

    हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।
    (क) संप्रभु                     (1) सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
    (ख) गणतंत्र                   (2) फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
    (ग) बंधत्व                     (3) शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
    (घ) धर्मनिरपेक्ष                (4) लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए। 

    Solution

    (क) संप्रभु  - जनता के पास फैसला करने का सर्वोच्च अधिकार है।
    (ख) गणतंत्र - राज्य का प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
    (ग) बंधुता - जनता भाई-बहनों की तरह रहे।
    (घ) धर्मनिरपेक्ष - सरकार किसी भी धर्म का पोषण नहीं करेगी।

    Question 22
    CBSEHHISSH9009640

    कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनीतिक स्थिति के बारे में आप को पत्र लिखा था । वहाँ अनेक राजनीतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज़्यादा अधिकार, दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधानसभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।

    Solution

    इस संबंध में हमारे सामने दो विचार रखे गए हैं। पहले विचार के अनुसार चुने हुए जनप्रतिनिधियों को अधिक शक्ति दी जानी चाहिए ताकि संपूर्ण व्यवस्था को अधिक से अधिक जनतांत्रिक बनाए जा सके। दूसरा समूह राजशाही को खत्म कर इसकी जगह नए गणतांत्रिक संविधान के निर्माण की बात कर रहा है । मेरे विचार में अचानक कोई बड़ा परिवर्तन संघर्ष को जन्म देता है। अत: पता पहले कुछ वर्षों के लिए ब्रिटेन की तरह वहाँ भी एक संवैधानिक गणतंत्र की स्थापना होनी चाहिए। किंतु, इस गणतंत्र में राजा की भूमिका सिर्फ परामर्शदाता की हो। अत: वर्तमान संविधान में उपयुक्त संशोधन ही नेपाल के हित में सही फैसला होगा।

    Question 23
    CBSEHHISSH9009641

    भारत के लोकतंत्र के स्वरुप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण कारण मानते हैं?

    (क) अंग्रेज़ शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के ज़रिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।

    (ख) हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आज़ादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतंत्र होना ही था।

    (ग) हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्र में लोकतंत्र का ना आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

    Solution

    (क) इस कारक के योगदान को काफी हद तक स्वीकार किया जा सकता है। हालाँकि इसे अंग्रेज़ों की देन नहीं माना जा सकता है। यह सच है कि यदि हमें पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होता तो भारत जैसे विशाल देश में आरंभिक दौर में लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना बहुत ही मुश्किल होती।
    (ख) इस कारक का भी भारत में लोकतंत्र की स्थापना में योगदान रहा है। क्योंकि हमारे संघर्ष का तरीका, हमारे राजनीतिक दलों की संरचना सभी लोकतांत्रिक थी, अत: लोकतंत्र की अच्छाइयों को हम महसूस कर रहे थे। दूसरी तरफ, चूँकि लोगों को विभिन्न स्वतंत्रताएँ नहीं मिली थीं, अत: लोकतंत्र ही एकमात्र व्यवस्था थी जो उनकी इन आकांक्षाओं को पूरा कर सकती थी।
    (ग) स्वतंत्रता प्राप्ति के नाजुक दौर में यह बहुत ज़रूरी था कि सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए निष्ठावान लोकतांत्रिक विचारों वाले नेता हों ताकि इन मूल्यों की स्थापना के लिए वे दूसरों को भी प्रेरित कर सकें। अत: इस कार्य का योगदान भी महत्वपूर्ण था। 

    Question 24
    CBSEHHISSH9009642

    1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें-
    'ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक तथा भावनात्मक दोनों ही तरह से ज़्यादा नाज़ुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है- कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुग्रहित होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।' क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?

    Solution

    इस पाठ्यांश में व्यक्त मूल्य हमारे संविधान में अंतनिर्हित मूल्यों को प्रदर्शित नहीं करते। यह हमारे संवैधानिक मूल्यों के विपरीत है, क्योंकि हमारा संविधान पुरुष तथा महिला को हर दृष्टिकोण से समान मानता है।

    Question 25
    CBSEHHISSH9009643

    निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप हमसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।
    (क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
    (ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा।
    (ग) नागरिकों के अधिकारों और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।
    (घ) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।

    Solution

    (क) यह वक्तव्य सत्य नहीं है, क्योंकि संवैधानिक नियम मौलिक नियम हैं, जबकि दूसरे अन्य नियमों की वैधानिकता इस आधार पर तय होती है कि वे संवैधानिक नियमों के अनुरूप हैं अथवा नहीं।
    (ख) यह कथन सत्य है, क्योंकि हमारे संविधान में सरकार के तीन अंगों -विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संगठन तथा शक्ति की विस्तृत चर्चा की गई है।
    (ग) यह व्यक्तव्य सही है, क्योंकि हमारे संविधान में नागरिकों को दिए गए विभिन्न मौलिक अधिकारों के लिए उपबंध किए गए हैं। साथ ही, सरकार की क्या शक्तियाँ तथा सीमाएँ हैं, इसकी भी विस्तृत चर्चा की गई है।
    (घ) यह व्यक्तव्य गलत है, क्योंकि संविधान जिन मूल्यों पर आधारित है उनकी चर्चा संविधान की प्रस्तावना में की गई है तथा प्रस्तावना हमारे संविधान का हिस्सा है।

    Question 26
    CBSEHHISSH9009788

    अफ्रीका में लोकतंत्र की स्थापना के बाद काले नेताओं ने अपने-समर्थकों से क्या अपील की?

    Solution
    1. लोकतंत्र की स्थापना के बाद काले लोगों ने अपने-समर्थकों से शांति की अपील की।
    2. उनसे गोरे लोगों को माफ़ करने को कहा।
    3. अफ्रीका में शांति, समानता, न्याय, मानव-अधिकारों पर आधारित शासन की अपील की।
    Question 27
    CBSEHHISSH9009789

    'संविधान' से आप क्या समझते हैं?

    Solution
    1. यह एक लिखित दस्तावेज है।
    2. यह नियमों, कानून एवं प्रावधान का संग्रह है।
    3. यह सबसे बड़ा कानून है जो लोगों को आपसी संबंध तथा लोगों के सरकार के साथ संबंध को स्पष्ट करता है।
    4. यह बताता है कि सरकार का गठन कैसे होगा तथा सरकार कैसे कार्य करेगी।
    Question 28
    CBSEHHISSH9009790

    भारतीय लोगों को 1937 में चुनाव में भाग लेने तथा विधानमंडल में आने से क्या लाभ हुआ?

    Solution

    1937 के चुनाव के द्वारा चुना गया विधानमंडल पूर्ण लोकतांत्रिक था। इससे लोगों को शासन तंत्र में काम करने का अनुभव हुआ तथा कैसे कार्य किया जाय, ये भी वे लोग सीख सकें।

    Question 29
    CBSEHHISSH9009791

    संविधान सभा के गठन पर चर्चा करें?

    Solution
    1. संविधान सभा के सदस्य मुख्यत: छोटे राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा चुने गए।
    2. इससे भारत के हर भौगोलिक क्षेत्र के लोगों को प्रतिनिधित्व मिल सका।
    3. कांग्रेस विधानमंडल की सबसे बड़ी पार्टी थी।
    4. इसमें अलग-अलग भाषाओं, जाति, धर्म तथा व्यवसाय के लोग थे।
    Question 30
    CBSEHHISSH9009792

    दक्षिण अफ्रीका जैसे देश के लिए संविधान की आवश्यकता क्यों थी?

    Solution

    दमन करने वाले तथा दमित अर्थात् काले एवं गोरे लोग एक साथ रहने के लिए तैयार थे। वे समानता का सिद्धान्त अपनाना चाहते थे। उनका एक दूसरे पर विश्वास करना जरूरी था । वे अपनी इच्छाओं की रक्षा करना चाहते थे। इसके लिए यह जरूरी था कि कुछ नियम लिखे जाएँ। यह संविधान के द्वारा ही संभव था।

    Question 31
    CBSEHHISSH9009793

    धर्म निरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? भारत कैसे एक धर्मनिरपेक्ष देश है ?

    Solution

    भारत कई धर्मों का देश है तथा यहाँ सभी धर्मों का सम्मान होता है। किसी भी धर्म को राजधर्म का दर्जा नहीं प्राप्त है तथा सभी धर्मों को बराबर सम्मान दिया जाता है। सभी लोगों को अपना धर्म चुनने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।

    Question 32
    CBSEHHISSH9009794

    संविधान संशोधन क्या है? भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इसका महत्व बताएँ।

    Solution

    संविधान संशोधन, संविधान में होने वाले बदलाव है जो देश की सर्वोच्च विधायिका अर्थात् संसद के द्वारा किए जाते है।भारत का संविधान बहुत विशाल एवं विस्तृत दस्तावेज है। इसलिए इसमें संशोधन की आवश्यकता है जिससे ये समय के अनुरूप बदल सके।

    Question 33
    CBSEHHISSH9009795

    संविधान निर्माण के समय क्या-क्या समस्याएँ आई?

    Solution
    1. यह बहुत कठिन समय में बनाया गया।
    2. भारत जैसे देश के लिए संविधान का निर्माण एक आसान कार्य नहीं था।
    3. छोटे राज्यों की समस्या बहुत बड़ी थी।
    4. देश के भविष्य के विषय में सबको संशय था ।
    Question 34
    CBSEHHISSH9009796

    संविधान के निर्माण के दौरान काले और गोरे लोगों में क्या समझौता हुआ ?

     

    Solution
    1. दक्षिण अफ्रीका के संविधान ने काले और गोरे लोगों को साथ लाने में मदद किया।
    2. संविधान ने अपने नागरिकों को वे सारे अधिकार दिए जो दूसरे देशों में मिले हुए थे। काफी विचार विमर्श के बाद दोनो दल सहमत हुए।
    3. गोरे लोग बहुसंख्यक के शासन के लिए तैयार हो गए तथा एक व्यक्ति एक मत के लिए तैयार हो गए । वे गरीबों और मजदूरों को कुछ अधिकार देने के लिए सहमत थे।
    Question 35
    CBSEHHISSH9009797

    संविधान किसी देश को लोकतांत्रिक बनाने में कैसे मदद कर सकते थे ?

    Solution

    संविधान लोकतांत्रिक व्यवस्था को ला सकता है:

    1. यह लोगों में विश्वास तथा भाईचारा पैदा करता है जिससे, विभिन्न-2 प्रकार के लोग एक साथ रह सकते है।
    2. यह स्पष्ट करता हैं की सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फ़ैसले लेने का अधिकार होगा ।
    3. यह सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और नागरिकों को उनके अधिकार से परिचित करता है।
    4. यह समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।

    Question 36
    CBSEHHISSH9009798

    संविधान की 'प्रस्तावना' क्या है? हम 'भारत के लोग' तथा 'धर्म निरपेक्ष' शब्द का क्या महत्व है?

    Solution

    यह संविधान की भूमिका वाला भाग है। इसे संविधान की कुंजी भी कहा जाता है। 'हम भारत के लोग' अर्थात् संविधान का निर्माण एवं वृद्धि जनता के प्रतिनिधियों द्वारा हुई है। धर्मनिरपेक्ष अर्थात् सभी नागरिकों को अपना अपना धर्म चुनने की स्वतंत्रता है। यहाँ देश का कोई राजधर्म नहीं होता।

    Question 37
    CBSEHHISSH9009799

    भारतीय संविधान बहुत ही कठोर एवं बहुत ही लचीला है। व्याख्या करें?

    Solution
    1. भारतीय संविधान न तो पूर्ण रूप से कठोर न ही पूर्ण रूप से लचीला संविधान है। यह आंशिक कठोर एवं आंशिक लचीला है।
    2. यह ब्रिटिश संविधान की तरह न तो बहुत लचीला है, न ही अमेरिकी संविधान की तरह बहुत कठोर।
    3. संविधान के कुछ अनुच्छेद को संसद के सामान्य बहुमत से बदला जा सकता है, जैसे राज्य का नाम, राज्य की सीमा का निर्धारण, नागरिकों से संबंधी तथ्य।
    4. संविधान के कुछ अनुच्छेदों को संसद के 2/3 बहुमत से परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे- भारत के राष्ट्रपति का चुनाव।
    5. संविधान के कुछ अनुच्छेदों को संसद के दोनों सदनों के बहुमत से तथा राज्यों के विधान मंडल के बहुमत से परिवर्तित किया जा सकता है।
    Question 38
    CBSEHHISSH9009800

    भारत के संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण वर्ष कौन-कौन से थे?

    Solution
    1. 1928 में मोतीलाल नेहरू एवम् 8 महत्वपूर्ण अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भारत के लिए एक संविधान का निर्माण किया गया।
    2. 1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन में भारत के संविधान की आवश्यकताओं पर विचार किया गया।
    3. भारत के 1935 के अधिनियम के द्वारा भारतीय संविधान से कई तथ्य लिए गए।
    4. 1937 के बाद पूरे ब्रिटिश शासन वाले भारत में प्रादेशिक असेंबलियों के लिए चुनाव कराए गए थे।
    Question 39
    CBSEHHISSH9009801

    'समाजवादी राज्य' का क्या उद्देश्य है? यह कैसे प्राप्त किया जा सकता है।

    Solution
    1. हम सब समाज में पैदा हुए हैं तथा हमे समाज में समानता को बढ़ावा देना है।
    2. सरकार सभी भूमि एवं उद्योग पर नियंत्रण रखे जिससे, समानता लायी जा सके।
    3. समाजिक असमानता कम होना चाहिए तथा सरकार को सबकी भलाई के लिए कार्य करना चाहिए।

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    Question 40
    CBSEHHISSH9009802

    अफ्रीका की नस्लवाद की नीति क्या थी? इसको कैसे समाप्त किया गया?

     

    Solution
    1. नस्लवाद अफ्रीका में रंग के आधार पर भेद-भाव की एक प्रक्रिया थी।
    2. यूरोप के गोरे लोगों ने इसे लागू किया था जबकि अफ्रीका के काले लोग वहाँ के मूल निवासी थे।
    3. काले लोगों की संख्या 3/4 थी तथा उन्हें कोई अधिकार प्राप्त नहीं थे।
    4. काले लोग गोरे लोगों के क्षेत्र में नहीं रह सकते थे। सभी सार्वजनिक सुविधाएँ काले एवं गोरे लोगों के लिए अलग- अलग थी।
    5. काले एवं भारतीय वहाँ अपने अधिकारों की मांग के लिए संघर्ष कर रहे थे।
    Question 41
    CBSEHHISSH9009803

    भारत के संविधान की प्रस्तावना एक छोटे से मूल्यों का वाक्य है। किस देश की प्रेरणा से भारत के संविधान में प्रस्तावना को शामिल किया गया? प्रस्तावना की शुरूआत 'हम भारत के लोग' से क्यों होती है।

    Solution

    अमेरिका की संवैधानिक व्यवस्था से प्रेरणा लेकर भारत जैसे बहुत सारे देशों ने प्रस्तावना से संविधान की शुरूआत की। 'हम भारत के लोग' से तात्पर्य है कि भारत में जो भी व्यवसथा है वह हम सभी भारतीयों द्वारा अंगीकृत की गई है

    Question 42
    CBSEHHISSH9009804

    प्रस्तावना क्या है? प्रस्तावना के तीन निर्देशक सिद्धान्त क्या हैं?

    Solution
    1. प्रस्तावना मौलिक मूल्यों का एक छोटा सा वाक्य है इसे अमेरिकन संविधान से लिया गया है।
    2. भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारतीय लोकतंत्र का आधार एवं आत्मा है।
    3. प्रस्तावना के तीन तत्व हैं जिस पर पूरा संविधान आधारित है:-
      1. लोकतांत्रिक --सभी नागरिकों को समान अधिकार।
      2. समानता - सबको बराबरी से देखना।
      3. धर्मनिरपेक्षता- सभी धर्मो के महत्व को स्वीकार करना तथा राज्य का कोई धर्म न होना।

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