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संविधान निर्माण

Question
CBSEHHISSH9009388

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए। 

संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है। 

Solution

यह कथन सही हैं, क्योंकि हमारे संविधान में सरकार के तीनों अंगों - विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संगठन तथा शक्ति की विस्तृत चर्चा की गई है।   

Some More Questions From संविधान निर्माण Chapter

जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्‍नों का जवाब दें:
वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?

जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्‍नों का जवाब दें:
'हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है।' वे इस कथन में किसका ज़िक्र कर रहे थे।

हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।   

कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र से वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संसोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज़्यादा अधिकार, दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधानसभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पात्र लिखें।   

भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्पूर्ण कारण मानते हैं?

अंग्रेज़ शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के ज़रिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।

भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्पूर्ण कारण मानते हैं?

हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आज़ादी न दिए जाने का विरोध किया।  ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।   

भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्पूर्ण कारण मानते हैं?

हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। 

1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें-
'ईश्वर ने औरत जाती को शारीरिक तथा भावनात्मक दोनों ही तरह से ज़्यादा नाज़ुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने उन्हें जीवन भर पुरषों के सरंक्षण में रहने का भाग्य दिया उन्हें दिया है - कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।' क्या इस अनुछेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए। 

संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए। 

संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।