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निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उपनिवेशकारों के 'सभ्यता मिशन' का क्या अर्थ था।
फ्रांसीसी औपनिवेशिक सिर्फ आर्थिक शोषण पर ही नहीं अपितु 'सभ्यता मिशन' पर भी केंद्रित थी। फ्रांसीसियों का दावा था कि वे वियतनाम के लोगों को आधुनिक सभ्यता से परिचित करा रहे हैं जो सबसे विकसित सभ्यता है। इसलिए वह मानते थे कि आधुनिक विचारों का प्रचार करना यूरोपियों का ही दायित्व है और इस दायित्व की पूर्ति करने के लिए यदि उन्हें स्थानीय संस्कृतियों, धर्मो और परंपराओं को भी नष्ट करना पड़ा तो इसमें कोई बुराई नहीं है। वैसे भी यूरोपीय इन सबको आधुनिक विकास में रुकावट मानते थे। फ्रांसीसियों को शिक्षित कामगारों की तो जरूरत थी परन्तु उन्हें इस बात का भी डर था कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद यह समस्याएँ पैदा हो सकती थी कि लोग औपनिवेशिक शासन पर सवाल भी उठा सकते थे। वियतनाम में रहने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को इस बात का डर था कि स्थानीय लोगों में शिक्षा के प्रसार से कहीं उनके काम-धंधे और नौकरी न चली जाए।
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें -
हुइन फू सो
हुइन फू सो होआ हाओ आदोंलन के मुखिया थे जो 1939 में शुरू हुआ। यह आंदोलन उपनिवेशिक विरोधी आंदोलनों के विचारों से प्रेरित था। इसे हरे भरे मेकोंग डेल्टा इलाके में यह बहुत लोकप्रिय रहा। हुइन फू सो जादू-टोना और गरीबो की सहायता करते थे। उनके उपदेश लोगों को बहुत प्रभावित करते थे। वे बालिका वधुओं के खरीद, शराब, अफीम आदि के सख्त विरोधी थे। फ़्रांसीसियों उनके आंदोलनों को कुचलने का बहुत प्रयास किया। उन्होंने हुइन फू सो को पागल घोषित कर कर पागलखाने में डाल दिया। वे उन्हें पागल बोन्जे कहकर बुलाते थे। आखिरकार 1941 में फ़्रांसीसी डॉक्टरों ने स्वीकार किया कि वह पागल नहीं है। इसके बाद फ़्रांसीसी सरकार ने उन्हें वियतनाम से निष्काषित कर लाओस भेज दिया। उनके बहुत सारे समर्थको और अनुयायियों को यातना शिविर में डाल दिया गया।
निम्नलिखित की व्याख्या करें:
वियतनाम के केवल एक तिहाई विद्यार्थी ही स्कूली पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी कर पाते थे।
वियतनाम में केवल एक तिहाई विद्यार्थी ही स्कूली पढ़ाई सफलतापूर्वक कर पाते थे क्योंकि ज़्यादा संख्या में शिक्षित वियतनामी विद्यार्थी अच्छे वेतन वाली नौकरियों में फ्रांसीसियों का मुक़ाबला करते। दरअसल बहुत सारे बच्चों को आखिरी साल की परीक्षा में जानबूझ कर फ़ैल कर दिया जाता तथा ताकि वे अच्छी नौकरियों के लिए योग्यता प्राप्त न कर सकें।
निम्नलिखित की व्याख्या करें:
फ्रांसीसियों ने मेकांग डेल्टा क्षेत्र में नहरें बनवाना और ज़मीनो को सुखाना शुरू किया।
मेकांग डेल्टा संसार का सबसे प्रसिद्ध चावल उत्पादक डेल्टा था। फ्रांस सरकार ने यहाँ खेती बढ़ाने के लिए सबसे पहले वहाँ नहरें बनाई और जल निकासी का प्रबंध शुरू किया। सिंचाई की विशाल व्यवस्था बनाई गई। बहुत सारी नई नहरें और भूमिगत जलधाराएँ बनाई गई। ज़्यादातर लोगों को जबरदस्ती काम पर लगा कर निर्मित की गई इस व्यवस्था से चावल के उत्पादन में वृद्धि हुई।
निम्नलिखित की व्याख्या करें:
सरकार ने आदेश दिया की साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल उस लड़की को वापस कक्षा में ले, जिसे स्कूल से निकल दिया गया था।
1926 में साइगॉन नेटिव गर्ल्स स्कूल में एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो गया। विवाद तब शुरू जब एक कक्षा में अगली सीट पर बैठी वियतनामी लड़की को उठकर पिछली कतार में जाकर बैठने के लिए कह दिया गया क्योंकि अगली सीट पर एक स्थानीय फ़्रांसीसी लड़की को बैठना था। वियतनामी लड़की ने सीट छोड़ने से इंकार कर दिया। स्कूल का प्रिंसिपल एक कोलोन था। जब दूसरे विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल के फैसले का विरोध किया तो उन्हें भी स्कूल से निकाल दिया गया। इसके बाद तो यह विवाद और फैल गया। लोग खुले आम जुलूस निकालने लगे। हालत बेकाबू होने लगे तो सरकार ने आदेश दिया की लड़की को दोबारा स्कूल में वापस ले लिया जाए।
निम्नलिखित की व्याख्या करें:
हनोई के आधुनिक, नवनिर्मित इलाकों में चूहें बहुत थे।
हनोई के नए बने आधुनिक इलाके में भूमिगत सीवर पाइपों में हज़ारों की संख्यां में चूहे पनपे क्योंकि ये सीवर चूहों के पनपने के लिए आदर्श साबित हुए। ये सीवर चूहों की निर्बाध आवाजाही के लिए भी उचित थे। इनमे चलते हुए चूहे पुरे शहर में बेखटके घूमते थे। और इन्हीं पाइपों के रास्ते चूहे फ्रांसीसियों के चाक-चौबंद घरों में घुसने लगे।
टोंकिन फ्री स्कूल की स्थापना के पीछे कोन से विचार थे? वियतनाम में औपनिवेशिक विचारों के लिहाज़ से यह उदहारण कितना सटीक है?
पश्चिमी ढंग की शिक्षा देने के लिए 1907 में टोंकिन फ़्री स्कूल खोला गया। इस शिक्षा में विज्ञान, स्वच्छता और फ़्रांसीसी भाषा की कक्षाएँ शामिल थीं। ये कक्षाएँ शाम को लगती थीं और उनके लिए अलग से फीस ली जाती थी। इस स्कूल की नज़र में 'आधुनिक' के क्या मायने थे इससे उस समय की सोच को अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
औपनिवेशिक विचारों के अनुसार पश्चिमी विचारों की शिक्षा प्राप्त कर लेना ही काफ़ी नहीं था बल्कि आधुनिक बनने के लिए वियतनामियों को पश्चिम के लोगों जैसा दिखना भी पड़ेगा।
मसलन, बच्चों को छोटे-छोटे बाल रखने की सलाह दी जाती है। वियतनामियों के लिए यह अपनी पहचान को पूरी तरह बदल डालने वाली बात थी। वे तो पारम्परिक रूप से ही बल रखते थे।
वियतनाम के बारे में फान यू त्रिन्ह का उद्देश्य क्या था? फान बोई चाऊ और उनके विचारों में क्या भिन्नता थी?
फान यू त्रिन्ह का मुख्य उद्देश्य एक लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करना था, जो मुख्य रूप से पश्चिम के लोकतांत्रिक सिद्धांतो पर आधारित हो।
(i) फान यू त्रिन्ह एक राष्ट्रवादी वियतनामी नेता थे। वे राजशाही/राजतंत्र के कट्टर विरोधी थे। उन्हें यह मंज़ूर नहीं था की फ्रांसीसियों को देश से निकालने के लिए शाही दरबार या राजा की सहायता ली जाए।
(ii) उन्होंने फान बोई चाऊ के क्रांतिकारी विचारों को खारिज कर दिया। उनके विपरीत वह पश्चिमी सभ्यता को पूरी तरह से खारिज करने के खिलाफ़ थे।
(iii) उन्हें मुक्ति के फ़्रांसीसी क्रांतिकारी आदर्श तो पसंद थे लेकिन उनका आरोप था की खुद फ़्रांसीसी ही उन आदर्शों का अनुसरण नहीं कर रहे हैं।
(iv) उनकी मांग थी कि फ़्रांसीसी शासक वियतनाम में वैधानिक एवं शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करें और कृषि व उद्योगों का विकास करें।
इस अध्याय में आपने जो पढ़ा है, उसके हवाले से वियतनाम की संस्कृति और जीवन पर चीन के प्रभावों की चर्चा करें।
जिसे आज उत्तरी और मध्य वियतनाम कहा जाता है जब वहाँ एक स्वतंत्र देश की स्थापना कर ली गई तो भी वहाँ के शासकों ने न केवल चीनी शासन व्यवस्था को बल्कि चीनी संस्कृति को भी अपनाए रखा।
(1) वियतनाम उस रास्ते से भी जुड़ा रहा है जिसे समुद्री सिल्क रूट कहा जाता था। इस रास्ते से वस्तुओं , लोगों और विचारों की खूब आवाजाही चलती थी।
(2) वियतनामियों के धार्मिक विश्वास बौद्ध धर्म, कन्फ्यूशियसवाद और स्थानीय रीती-रिवाजों पर आधारित थे। कन्फ्यूशियस एक महान विचारक, धार्मिक नेता और चीन के दार्शनिक थे, जिनकी शिक्षाओं ने वियतनाम सहित कई पड़ोसी देशों को प्रभावित किया।
(3) पुरे इंडो -चीन से गुजरने वाला एक विशाल रेल नेटवर्क बनाया गया। इसके माध्यम से वियतनाम के उत्तरी और दक्षिणी भाग चीन से जुड़ गए। जिसने दोनों देशों के रिश्तों को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(4) वियतनाम के धनि और अभिजात्य तबके के लोग चीनी संस्कृति से गहरे तौर पर प्रभावित हुए थे।
वियतनाम में उपनिवेशवाद- विरोधी भावनाओं के विकास में धार्मिक संगठनों की भूमिका क्या थी?
1868 का स्कॉलर्स रिवोल्ट फ़्रांसीसी कब्ज़े और ईसाई धर्म के प्रसार के खिलाफ़ शुरुआती आंदोलनों में से था। इस आंदोलन की बागडोर शाही दरबार के अफसरों के हाथो में थी। ये अफ़सर कैथोलिक धर्म और फ़्रांसीसी सत्ता के प्रसार से नाराज़ थे। उन्होंने न्गू अन और हा तिएन प्रांतों में बग़ावतों का नेतृत्व किया और एक हज़ार से ज़्यादा ईसाईयों का क़त्ल कर डाला । कैथलिक मिशनरी सत्रहवीं सदी की शुरुआत से ही स्थानीय लोगों को ईसाई धर्म से जोड़ने में लगे हुए थे और अठारहवीं सदी के अंत तक आते-आते उन्होंने लगभग 3,00,000 लोगों को ईसाई बन लिया था। फ्रांसीसियों ने 1868 के आंदोलन को तो कुचल डाला लेकिन इस बग़ावत ने फ्रांसीसियों के खिलाफ़ अन्य देशभक्तों में उत्साह का संचार ज़रूर कर दिया।
होआ होआ ऐसा ही एक आंदोलन था। यह आंदोलन 1939 में शुरू हुआ था। हरे-भरे मेकोंग डेल्टा इलाके में इसे भारी लोकप्रियता मिली। यह आंदोलन उन्नीसवीं सदी के उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलनों में उपजे विचारों से प्रेरित था। होआ होआ आंदोलन का संस्थापक का नाम था हुइन्ह फू सो। वह जादू-टोना और गरीबों की मदद किया करता था। व्यर्थ खर्चो के खिलाफ़ उनके उपदेशों का लोगों में काफ़ी असर था। वह बालिका वधुओं की खरीद-फ़रोख़्त, शराब व अफ़ीम के प्रखर विरोधी थे। फ़्रांसीसियों ने हुइन्ह फू सो के विचारों पर आधारित आंदोलन को कुचलने का कई तरह से प्रयास किया। उन्होंने फू सो को पागल घोषित कर दिया। फ़्रांसीसी उन्हें पागल बाेन्जे़ कह कर बुलाते थे। यह आंदोलन फ्रेंच नियंत्रण और ईसाई धर्म के प्रचार के खिलाफ थे। वे औपनिवेशिक विरोधी भी थे।
इस प्रकार इन आंदोलनों ने वियतनाम में औपनिवेशिक विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वियतनाम युद्ध में अमेरिकी हिस्सेदारी के कारणों की व्याख्या करें। अमेरिका के इस कृत्य से अमेरिका में जीवन पर क्या असर पड़े?
वियतनाम युद्ध में अमेरिकी हिस्सेदारी के निम्नलिखित कारण थे:-
(i) अमेरिकी नीति निर्माता इस बात से चिंतित थे कि अगर हो ची मिन्ह की सरकार अपनी योजनाओं में कामयाब हो गई तो आस-पास के दूसरे देशों में कम्युनिस्ट सरकार स्थापित हो जाएँगी।
(ii) उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट सरकार की सहायता से एन.एल.एफ. ने देश के एकीकरण की मांग उठाई। अमेरिका इस मांग से भयभीत था।
(iii) द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका की विदेश नीति का एकमात्र उद्देश्य साम्य वाद के प्रवर्तक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नष्ट करना और अमेरिकी प्रभुत्व स्थापित करना था।
युद्ध के अमेरिका पर प्रभाव:
(i) अमेरिका के लिए यह युद्ध काफी महँगा साबित हुआ। हालॉंकि अमेरिका के पास बढ़िया आधुनिक साधन और बढ़िया चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध थी फिर भी उनके बहुत सैनिक मारे गए।
(ii) अमेरिका के बहुत सारे लोग इस बात के लिए सरकार का विरोध कर रहे थे कि उसने देश की फौंजों को एक ऐसे युद्ध में झोंक दिया है जिसे किसी भी हालत में जीता नहीं जा सकता।
(iii) जब युवाओं को भी सेना में भर्ती किया जाने लगा तो लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। पर विश्वविद्यालयी स्नातकों को अनिवार्य सैनिक सेवा से मुक्त रखा गया था।
(iv)अनेक साहित्यकारों और फिल्मकारों ने अपनी रचनाओं और फिल्मों के माध्यम से युद्ध में अमेरिका में हुई क्षति का वर्णन किया है।
अमेरिका के खिलाफ़ वियतनामी युद्ध का निम्नलिखित के दृष्टिकोण से मूल्यांकन कीजिए।
(क) हो ची मिन्ह भूलभुलैया मार्ग पर माल ढोने वाला कुली।
(ख) एक महिला सिपाही।
एक महिला सिपाही: 1960 के दशक के पत्र पत्रिकाओं में दुश्मन से लोहा लेते यौद्धा औरतों की तस्वीरें बड़ी संख्या में छपने लगीं। इन तस्वीरों में स्थानीय प्रहरी की औरतों को हवाई जहाज़ों को मार गिराते हुए दर्शाया जाता था। उनको युवा, बहादुर और समर्पित योद्धाओं के रूप में चित्रित किया जाता था। इस बारे में कहानियाँ छपने लगे कि सेना में शामिल होने और राइफल उठाने का मौका मिलने से वे कितना खुश महसूस करती हैं। कुछ कहानियों में बताया जाता था कि किस अप्रितम वीरता का परिचय देते हुए किसी महिला सैनिक ने अकेले ही शत्रु को मार गिराया। न्गूयेन थी शुआन, नामक महिला के बारे में बताया जाता था कि उसके पास केवल 20 गोलियाँ थी लेकिन इन्हीं के सहारे उसने एक जेट विमान को मार गिराया था।
वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में महिलाओं की क्या भूमिका थी? इसकी तुलना भारतीय राष्ट्रवादी संघर्ष में महिलाओं की भूमिका से कीजिए।
(i) पारंपरिक रुप से वियतनाम में महिलाओं को एक अच्छा दर्जा मिलता था। जैसे-जैसे वियतनाम में राष्ट्रवादी आंदोलन ज़ोर पकड़ने लगा वैसे-वैसे समाज में महिलाओं की योग्यता व स्थिति पर भी सवाल उठने लगे और स्त्रीत्व की एक नई छवि सामने आने लगी। साहित्यकार और राजनीतिक विचारक विद्रोहों में हिस्सा लेने वाली महिलाओं का आदर्श के रूप में पेश करने लगे।
(ii) 1930 में न्हात लिन्ह ने अपने उपन्यास के माध्यम से महिलाओं के राष्ट्रवादी स्वरूप का चित्रण किया। उसने अपने उपन्यास की नायिका के माध्यम से सामाजिक रीति-रिवाज़ों और परंपराओं के विरुद्ध एक बगावत की।
(iii) पुराने जमाने की विद्रोही महिलाओं का भी महिमामंडन किया जाने लगा। 1913 में राष्ट्रवादी नेता फान बोई चाऊ ने 39-43 ईस्वी में चीनी कब्ज़े के विरोधियों से चलने वाली ट्रंग बहनों के जीवन पर एक नाटक लिखा। इस नाटक में उन्होंने दिखाया कि इन बहनों ने वियतनामी राष्ट्र को चीनियों से स्वतंत्र कराने के लिए देशभक्ति के भाव से कैसे-कैसे कारनामे किए थे। उनकी बगावत का वास्तविक कारण क्या था, इस बारे में बहुत सारे विचारको की राय- राय भिन्न भिन्न रही है, लेकिन फान के नाटक के बाद उनको आदर्श के रूप में पेश किया जाने लगा और उनका गुणगान किया जाने लगा।
(iv) वियतनामियों की अपराजय इच्छाशक्ति और गहन देशभक्ति के प्रतीक के रूप में पेंटिंग्स, नाटकों और उपन्यासों में उनका महिमामंडन होने लगा। बताया जाता हैं की ट्रंग बहनों ने 30,000 सैनिकों की फ़ौज जुटा ली थी। उन्होंने चीनियों का दो साल तक सामना किया और अंत में जब उन्हें अपनी हर निश्चित दिखाई देने लगी तो शत्रु के सामने आत्मसमर्पण करने की अपेक्षा उन्होंने आत्महत्या कर ली।
वियतनामी राष्ट्रवादी महिलाओं की भारतीय राष्ट्रवादी महिलाओं से तुलना:
(i) जिस प्रकार अमेरिकी युद्ध में वियतनामी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, उसी प्रकार भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी भारत की राष्ट्रवादी महिलाओं के उदाहरण मिलते हैं। भारत की राष्ट्रवादी महिला सिपाहियों ने सैनिक और असैनिक दोनों मोर्चे पर औपनिवेशिक शासको का डटकर विरोध किया।
(ii) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, कैप्टन लक्ष्मी सहगल, बेगम हजरत महल जैसी महान वीरांगनाओं की तुलना वियतनाम की ट्रंग बहनों से की जा सकती है जिन्होंने चीनी शासकों से अपने देश को मुक्त कराने के लिए 30,000 सैनिकों की फौज खड़ी कर ली थी।
फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों द्वारा फ्रांसीसी लोगों में सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए उठाए गए किन्हीं तीन कदमों का वर्णन कीजिए।
फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों द्वारा फ्रांसीसी लोगों सामूहिक पहचान की भावना -
(i) पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों ने एक संयुक्त समुदाय के विचार पर बल दिया जिसे एक संविधान के अंर्तगत समान अधिकार प्राप्त थे।
(ii) एक नया फ्रांसीसी झंडा-तिरंगा चुना गया जिसने पहले के राष्ट्रध्वज की जगह ले ली।
(iii) एक केंद्रीय शासन व्यवस्था लागू की गयी, जिसने अपने भू भाग में रहने वाले नागरिक के लिए समान क़ानून बनाए।
(iv) आंतरिक आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिए गए।
(v) भार तथा नापने की एक समान व्यवस्था लागू की गयी।
वियतनाम पर फ्रांसीसियों के कब्जे के बाद वियतनामियों की जिंदगी में आए किन्हीं तीन बदलावों का वर्णन कीजिए।
वियतनामियों के जीवन में आए बदलाव -
(i) जनता का औपनिवेशिक शासकों के साथ जीवन के हर मोर्चे पर संघर्ष।
(ii) सबसे अघिक प्रभाव सैनिक और आर्थिक मामलों पर दिखाई पड़ा।
(iii) वियतनामी संस्कृति को नया रूप देने के लिए फ्रांसीसियों ने सुनियोजित प्रयास किए।
(iv) फ्रांसीसियों और उनके वर्चस्व का अहसास कराने वाली हर चीज के खिलाफ वियतनामी समाज के हर तबके ने जमकर संघर्ष किया। यहीं से वियतनाम में राष्ट्र के बीज पड़े।
वियतनाम पर फ्रांसीसियों के कब्जे के बाद टकराव क्यों होने लगा ? कारण लिखो।
फ्रांसीसियों का नियंत्रण सबसे ज्यादा सैनिक व आर्थिक मामलों में था इसलिए उन्होंने वियतनामी संस्कृति को तहस - नहस करने की कोशिश की फ्रांसीसियो और उनके वर्चस्व का अहसास करने वाली हर चीज के खिलाफ वियतनाम के लोगों ने विरोध किया। इससे वियतनाम में राष्ट्रवाद के बीज पड़े ।
वियतनाम के लिए फ़ान चू - त्रिन्ह का उद्देश्य क्या था? कैसे उनके विचार फ़ान बोइ चौ से अलग थे?
फ़ान चू - त्रिन्ह एक वियतनामी राष्ट्रवादी थे। वे राजशाही के खिलाफ थे । वे फ्रांसीसी आधिपत्य के समर्थक थे और पश्चिम के लोकतांत्रिक विचारों से प्रभावित थे।
फ़ान बोइ चौ कन्क्यूशियस विचारों से बहुत प्रभावित था । उसकी योजना फ्रांसीसियों को वियतनाम से खदेड़ना तथा राजशाही शासन स्थापित करना था ।
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वियतनाम में धान के उत्पादन में वृद्धि के उद्देश्य को पूरा करने के लिए फ्रांसीसियों का क्या योगदान रहा?
फ्रांसीसियों ने यहाँ मे कोंग डेल्टा इलाके में खेती बढ़ाने के लिए नहर बनवाई ओर जल निकासी का प्रबंध किया गया और लोगों को जबरदस्ती इस काम में लगाया गया।
क्या उपनिवेशों का विकास करना जरूरी है ? कारण बताइए ।
उपनिवेशों का विकास औपनिवेशिक देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हुआ इसमें विकास जरूरी था जिससे मुनाफा कमाया जा सकता था ।
फ्रांसीसी वियतनाम के लोगों को शिक्षित करना क्यों चाहते थे ? कारण लिखिए ।
फ्रांसीसी वियतनाम के लोगों को शिक्षित करना सभ्य बनाने के लिए जरूरी था
वियतनाम में टोंकिन फ्री स्कूल खोलने के उद्देश्य की व्याख्या कीजिए?
वियतनाम में टोंकिन फ्री स्कूल खोलने के यह उद्देश्य थे -
1930 में आई महामंदी से वियतनाम पर पड़े प्रभाव का वर्णन करो?
1930 में आई महामंदी से वियतनाम पर पड़े प्रभाव निम्न है -
फ्रांसीसियों द्वारा प्लेग की समस्या को हल करने के लिए उठाये गए उपायों की व्याख्या कीजिए ?
हो ची मिन्ह भूलभूलैया मार्ग की चार विशेषताएँ लिखो ?
वियतनाम में उपनिवेश विरोधी संग्राम में महिलाओं की भूमिका क्या थी ?
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