समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय Chapter 2 राष्ट्रीय आय का लेखांकन
  • Sponsor Area

    NCERT Solution For Class 12 ������������������ समष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय

    राष्ट्रीय आय का लेखांकन Here is the CBSE ������������������ Chapter 2 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ राष्ट्रीय आय का लेखांकन Chapter 2 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ राष्ट्रीय आय का लेखांकन Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIECH12013783

    उत्पादन के चार कारक कौन-कौन से हैं और इनमें से प्रत्येक के पारिश्रमिक को क्या कहते हैं?

    Solution

    उत्पादन के चार कारक और उनके पारिश्रमिक निम्नलिखित हैं :

    उत्पादन के कारक पारिश्रमिक
    (i) भूमि किराया
    (ii) श्रम   मज़दूरी
    (iii) पूँजी  ब्याज
    (iv)उद्यम   लाभ

     

    Question 2
    CBSEHHIECH12013784

    नियोजित और अनियोजित माल-सूची संचय में क्या अंतर है? किसी फर्म की माल-सूची और मूल्यवर्धित के बीच संबंध बताइए।

    Solution

    नियोजित माल: इसका अभिप्राय स्टॉक में उस परिवर्तन से हैं, जो नियोजित ढंग से होता है। नियोजित माल समावेश की स्थिति में फर्म को अपना माल बढ़ाने के लिए योजना करनी होगी।
    अनियोजित माल: इसका अभिप्राय स्टॉक में उस परिवर्तन से है, जो बिना किसी अपेक्षा के हो जाता है। अनियोजित माल समावेश की स्थिति में विक्रय में अनपेक्षित कमी होने के कारण फर्म को बिना बिका माल संग्रहित करना पड़ेगा।
    फर्म के सकल मूल्यवृद्धि = फर्म द्वारा उत्पादित माल का सकल मूल्य (Q) - फर्म द्वारा उपयोग की गई मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य (Z)
    अथवा
    सकल मूल्यवृद्धि = फर्म द्वारा विक्रय का मूल्य (V) + स्टॉक में परिवर्तन (A) - (Z)।

    Question 3
    CBSEHHIECH12013785

    तीनों विधियों से किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद की गणना करने की किन्हीं तीन निष्पत्तियाँ लिखिए। संक्षेप में यह भी बताइए कि प्रत्येक विधि से सकल घरेलू उत्पाद का एक-सा मूल्य क्या आना चाहिए?

    Solution

    सकल घरेलू उत्पाद के आकलन की तीन विधियाँ और उसकी निष्पत्तियाँ निम्नलिखित हैं:

    विधियाँ निष्पत्तियाँ
    (i) उत्पाद अथवा मूल्यवर्धित विधि

    NVAFC(NDPFC) = सकल उत्पाद - मध्यवर्ती उपभोग - मूल्यह्रास - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर


    GDP = i = 1N GVAi

    (ii) आय विधि   GDP = i = 1NRVi       = W + P + I + R
    (iii) व्यय विधि  GDP = i = 1NRVi      = C + I + G + X  - M

    प्रत्येक विधि से सकल घरेलू उत्पाद का एक-सा मूल्य आना चाहिए, क्योंकि अर्थव्यवस्था में जितना उत्पादन होगा, उतना ही कारक आय सृजित होगी और जितनी साधन आय सृजित होगी उतना ही अंतिम व्यय होगा।
    i.e. राष्ट्रीय आय = राष्ट्रीय उत्पाद = राष्ट्रीय व्यय  

    Question 4
    CBSEHHIECH12013786

    बजटीय घाटा और व्यापार घाटा को परिभाषित कीजिए। किसी विशेष वर्ष में किसी देश की कुल बचत के ऊपर निजी निवेश का आधिक्य 2000 करोड़ रु० था। बजटीय घाटे की राशि 1500 करोड़ रु० थी। उस देश के बजटीय घाटे का परिमाण क्या था?

    Solution

    बजटीय घाटा: कर द्वारा अर्जित आय की अपेक्षा सरकारी व्यय जितने अधिक होते हैं, उसे 'बजटीय घाटा' के रूप में सूचित किया जाता है।
    व्यापार घाटा: एक देश द्वारा अर्जित निर्यात आय की अपेक्षा अति-रिक्त आयत व्यय की मात्रा व्यापर घाटा कहलाता हैं।बजटीय घाटा = सरकारी व्यय - सरकारी प्राप्तियाँ  
    व्यापार घाटा = आयत (M) - निर्यात (X)
    और
    व्यापार घाटा = निवेश (I) - बजत (S)
    इस प्रकार,
      M - X = (I - S) + (G - T)
              = 2,000 + 1,500 = 3,500 करोड़ रूपए  
    ∴    व्यापार घाटा  = 3,500 करोड़ रूपए

    Question 5
    CBSEHHIECH12013787

    मान लीजिए कि किसी विशेष वर्ष में किसी देश का सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार कीमत पर 1100 करोड़ रु० था। विदेशों से प्राप्त निवल कारक आय 100 करोड़ रु० था। अप्रत्यक्ष कर मूल्य-उपदान का मूल्य 150 करोड़ रु० और राष्ट्रीय आय 850 करोड़ रु० है, तो मूल्यहास के समस्त मूल्य की गणना कीजिए।

    Solution

    हमें पता हैं कि
    राष्ट्रीय आय = बाज़ार कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद + विदेशों से प्राप्त निवल कारक आय - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर - मूल्यह्रास
    ∴     850 = 1,100 + 100 - 150 - मूल्यह्रास
    मूल्यह्रास = 1,100 + 100 - 150 - 850
               = 1,200 - 1,000 = 200 करोड़ रु०

    Question 6
    CBSEHHIECH12013788

    किसी देश विशेष में एक वर्ष में कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद 1900 करोड़ रु० है। फर्मों'/सरकार के द्वारा परिवार को अथवा परिवार के द्वारा सरकार/फर्मों को किसी भी प्रकार का ब्याज अदायगी नहीं की जाती है, परिवारों की वैयक्तिक प्रयोज्य आय 1200 करोड़ रु० है। उनके द्वारा अदा किया गया वैयक्तिक आयकर 600 करोड़ रु० है और फर्में तथा सरकार द्वारा अर्जित आय का मूल्य 200 करोड़ रु० है। सरकार और फर्म द्वारा परिवार को की गई अंतरण अदायगी का मूल्य क्या है?

    Solution

    कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = 1900
    वैयक्तिक प्रयोज्य आय = (NNPFC) कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद - अवतरित लाभ  - वैयक्तिक आयकर + सरकार और फर्मों द्वारा परिवार को की गई अंतरण अदायगी
    1,200 = 1900 - 200 - 600 + अंतरण अदायगी
    1,200 = 1,100 + अंतरण अदायगी
    ∴ अंतरण अदायगी = 1,200 - 1,100 = 100 करोड़ रु०

    Question 7
    CBSEHHIECH12013789

    निम्नलिखित आँकड़ों से वैयक्तिक आय और वैयक्तिक प्रयोज्य आय की गणना कीजिए:

      करोड़ रूपए में
    (a) कारक लागत पर निवल घरेलू उत्पाद 8000
    (b) विदेशों से प्राप्त निवल कारक आय  200
    (c) अवितरित लाभ 1000
    (d) निगम कर  500
    (e) परिवारों द्वारा प्राप्त ब्याज  1500
    (f) परिवारों द्वारा भुगतान किया गया ब्याज 1200
    (g) अंतरण आय  300
    (h) वैयक्तिक कर 500

     

    Solution

    वैयक्तिक आय = कारक लागत पर निवल घरेलू उत्पाद + विदेशों से प्राप्त निवल कारक आय  - अवितरित लाभ  + परिवारों द्वारा प्राप्त ब्याज + अंतरण आय  -  परिवारों द्वारा भुगतान किया गया ब्याज - निगम कर 
                   = 8,000 + 200 - 1,000 + 1,500 + 300 - 1,200 - 500
                   = 10,000 - 2,700
    वैयक्तिक आय = 7,300 करोड़ रू
     वैयक्तिक प्रयोज्य आय = वैयक्तिक आय  - वैयक्तिक कर 
                     = 7,300 - 500
                      = 6,800 करोड़ रू

    Question 8
    CBSEHHIECH12013790

    हजाम राजू एक दिन में बाल काटने के लिए 500 रु० का संग्रह करता है। इस दिन उसके उपकरण में 50 रु० का मूल्यहास होता है। इस 450 रुपये में से राजू 30 रु० बिक्री कर अदा करता है। 200 रु० घर ले जाता है और 220 रु० उन्नति और नए उपकरणों का क्रय करने के लिए रखता है। वह अपनी आय में से 20 रु० आय कर के रूप में अदा करता है। इन पूरी सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित में राजू का योगदान ज्ञात कीजिए: (a) सकल घरेलू उत्पाद (b) बाज़ार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (c) कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद (d) वैयक्तिक आय (e) वैयक्तिक प्रयोज्य आय।

    Solution

    (a) सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार कीमत पर  = कुल प्राप्ति 
                                                   = 500 रूपए 
    सकल घरेलू उत्पाद कारक उत्पाद पर 
                                     = सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार कीमत पर - अप्रत्यक्ष कर 
                                     = 500 - 30
                                     = 470 रूपए 
    (b) बाज़ार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद = सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार कीमत पर - मूल्यह्रास
                                       = 500 - 50
                                       = 450 रूपए 
    (c) कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद
                                   = बाज़ार कीमत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद - अप्रत्यक्ष कर 
                                   = 450 - 30
                                   = 420 रूपए 
    (d) वैयक्तिक आय
                           = कारक लागत पर निवल राष्ट्रीय उत्पाद - अवितरित लाभ 
                           = 420 - 220
                           = 200 रूपए 

    (e) वैयक्तिक प्रयोज्य आय = वैयक्तिक आय - वैयक्तिक कर 
                                   = 200 - 20
                                   = 180 रूपए 
             

     

    Question 9
    CBSEHHIECH12013791
    Question 10
    CBSEHHIECH12013792

    किसी देश के कल्याण के निर्देशांक के रूप में सकल घरेलू उत्पाद की कुछ सीमाओं को लिखो।

    Solution

    किसी देश के कल्याण के निर्देशांक के रूप में सकल घरेलू उत्पाद की सीमाएँ निम्नलिखित हैं: 

    1. GDP की संरचना: यदि जीडीपी में वृद्धि युद्ध सामग्री(जैसे :टैंक, बम, अस्त-शस्त्र आदि) के उत्पादन में वृद्धि के कारण है या पूँजीगत वस्तुओं; जैसे मशीनरी, उपस्कर आदि के उत्पादन में वृद्धि के फलस्वरुप है तो इससे आर्थिक कल्याण में वृद्धि नहीं होगी।
    2. जनसंख्या वृद्धि की दर: राष्ट्रीय आय के अंक देश की जनसंख्या, कुशलता तथा संसाधनों का कोई संकेत नहीं देते। एक देश की राष्ट्रिय आय अधिक हो सकती हैं, परन्तु यदि यह लगातार बढ़ती जनसंख्या द्वारा उपभोग कर ली जाए, तो लोगो का कल्याण स्तर नीचा होगा।
    3. कीमतों में वृद्धि: यदि जीडीपी (GDP) में वृद्धि केवल कीमतों में वृद्धि के फलस्वरुप हुई है तो यह आर्थिक कल्याण का सूचक (या मापक) नहीं हो सकता।
    4. बाह्य कारण: बाह्य कारणों से तात्पर्य किसी फर्म या व्यक्ति के लाभ (हानि) से है, जिससे दूसरा पक्ष प्रभावित होता है जिसे भुगतान नहीं किया जाता है (दंडित)। उदहारण के लिए: कारखानों द्वारा छोड़े गए धुएँ से पर्यावरण का दूषित होना, तेलशोधक कारखानों के गंदे तरल पदार्थों का तटवर्ती नदी में बहना और जल प्रदूषित करना। इन हानिकारक प्रभावों का में GDP मूल्यांकन नहीं किया जाता।
    5. GDP (राष्ट्रीय आय) का वितरण: मात्र जीडीपी में वृद्धि आर्थिक कल्याण में वृद्धि प्रकट नहीं कर सकती क्योंकि इसके वितरण से अमीर अधिक अमीर और गरीब अधिक गरीब हो गए हैं। जीडीपी में वृद्धि आर्थिक कल्याण का सूचक तभी बन पाएगी जब गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या में निरंतर कमी आएगी।
    6. जीडीपी में कई वस्तुओं एवं सेवाओं का शामिल ना होना: जीडीपी में आर्थिक कल्याण बढ़ाने वाली विशेष रूप से गैर-बाज़ारी सौदों को शामिल नहीं किया जाता, जैसे ग्रहणी की सेवाएँ, घरेलू बगीचे में सब्जियां उगाना, अध्यापक द्वारा अपने बेटे को पढ़ाना इत्यादि।

    Question 11
    CBSEHHIECH12013793

    किसी अर्थव्यवस्था में समस्त अंतिम व्यय समस्त कारक अदायगी के बराबर क्यों होता है? व्याख्या कीजिए।

    Solution

    एक अर्थव्यवस्था में समस्त अंतिम व समस्त कारक अदायगी के बराबर होता है क्योंकि आय का वर्तुल (चक्रीय) प्रभाव होता है। अंतिम व्यय और कारक अदायगी दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं। प्रत्येक अर्थव्यवस्था में मुख्य रूप से दो बाज़ार होते हैं:

    1. उत्पादन बाज़ार
    2. संसाधन बाज़ार।

    परिवार फर्मों को संसाधनों (जैसे- भूमि, श्रम, पूँजी, उद्यमी) की आपूर्ति करते हैं और फर्में परिवारों से ये संसाधन क्रय करती हैं और बदले में लगान/किराया, मज़दूरी, ब्याज और लाभ के रूप में कारक अदायगी करती हैं। परिवारों को जो आय प्राप्त होती है उससे वे अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए फर्मों से अंतिम वस्तुएँ और सेवाएँ क्रय करते हैं। इस प्रकार, अर्थव्यवस्था में उत्पादकों का व्यय लोगों की आय और लोगों का व्यय उत्पादकों की आय बनता है।
    एक अर्थव्यवस्था के दो बाज़ारों में चक्रीय प्रवाह को हम निम्नलिखित रेखाचित्र द्वारा दिखा सकते हैं:-

     

    Question 12
    CBSEHHIECH12013794

    स्टॉक और प्रवाह में भेद स्पष्ट कीजिए। निवल निवेश और पूँजी मेंकौन स्टॉक हैऔर कौन प्रवाह? हौज में पानी के प्रवाह से निवल निवेश और पूँजी की तुलना कीजिए।

    Solution

    स्टॉक और प्रवाह चर में भेद का आधार समयावधि (Period of Time) या समय बिंदु पर किए जाने वाला माप है।
    प्रवाह: वे चर जो समय की एक निश्चित अवधि के संदर्भ में पाए जाते हैं, प्रवाह चर कहलाते हैं। समयावधि घंटे, दिन, सप्ताह, मास या वर्ष से अधिक हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय आय एक प्रवाह चर है क्योंकि यह 1 वर्ष में देश में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के शुभ प्रभाव को दर्शाता है। प्रवाह चर के अन्य उदाहरण है: आय, व्यय, बचत, ब्याज, आयात-निर्यात, मूल्यह्रास, माल-सूची में परिवर्तन आदि क्योंकि इन सभी चारों का संबंध एक निश्चित समय अवधि से होता है।
    स्टॉक: वे चर जो समय के किसी निश्चित बिंदु (Point of Time) के संदर्भ में पाए जाते हैं, स्टॉक चर कहलाते हैं; जैस-दिन के 2 बजे, 31 मार्च, 2012, बुधवार आदि। उदहारण के लिए, राष्ट्रीय पूँजी स्टॉक चर है जो बताती है कि किसी समय बिंदु (जैसे 1 जनवरी, 2012) पर देश में पूँजी (मशीनें, औज़ार, इमारतें, सड़कें, पुल, कच्चे माल) का कितना स्टॉक हैं । स्टॉक चर के अन्य उदहारण हैं:-सम्पति, विदेशी ऋण, मूल सूची, खाद्यान्न भंडार आदि।

    अंतर का आधार स्टॉक प्रवाह
    1. माप  स्टॉक एक समय बिंदु या निश्चित समय पर मापा जाने वाला चर है। प्रवाह वह चर है जो एक निश्चित समयावधि पर मापा जाता है।
    2. समय-कल  स्टॉक का समय-काल नहीं होता है। प्रवाह का समय-काल होता है।
    3. प्रकृति   स्टॉक की प्रकृति स्थाई (अचल) है। प्रवाह की प्रकृति गत्यात्मक (चल) है।
    4. उदहारण  (i) सम्पत्ति  (ii) दूरी 
    (iii) टैंक में जल 
    (iv) मुद्रा की मात्रा 
    (i) आय 
    (ii) गति 
    (iii) नदी में जल
    (iv) मुद्रा का व्यय  

    निवल निवेश प्रभाव है और पूँजी स्टॉक है क्योंकि निवल निवेश का संबंध एक समय-काल से है जबकि पूँजी एक निश्चित समय पर एक व्यक्ति की संपत्ति का भंडार बताती है। पूँजी एक हौज के समान है जबकि निवल निवेश उस हौज में बहता हुआ पानी है। बहते हुए पानी का संबंध समय-काल से है जबकि हौज में पानी का स्तर एक निश्चित समय पर मापा जाता है।

    Mock Test Series

    Sponsor Area

    Sponsor Area

    NCERT Book Store

    NCERT Sample Papers

    Entrance Exams Preparation

    1